फाल्गुन कृष्ण पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११५
समाचारपत्रिकामें मंदिरकी मूर्ति जल जानेका समाचार प्रकाशित होनेके पश्चात भी दोनोंद्वारा इस घटनासे अस्वीकार
ढाका – बांग्लादेशके फरीदपुर जनपदमें घोषपुर गांवमें गोपीनाथ विग्रह आश्रमका मंडप तथा वहां विद्यमान देवताओंकी ५ मूर्तियां जलनेका समाचार स्थानीय समाचारपत्रिकामें प्रकाशित हुआ था । इस संदर्भमें बांग्लादेश माइनोरिटी वाच संस्थाके संस्थापक-अध्यक्ष अधिवक्ता रवींद्र घोषने जनपद पुलिस अधीक्षकोंसे दूरभाषपर संपर्क किया, तो पुलिस अधीक्षकने बताया कि इस घटनाके संदर्भमें हिंदुओंद्वारा याचिका प्रविष्ट न होनेके कारण जांच नहीं की । वास्तवमें महादेव कुंडू नामक इस हिंदुने बोलमारी थानेमें इस घटनाकी याचिका प्रविष्ट की थी । (अपनी खाल/चमडी बचानेवाली बांग्लादेशकी पुलिस ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) साथ ही घोषने यह भी बताया कि इस घटनाका समाचार स्थानीय समाचारपत्रिकामें प्रकाशित हुआ है । (याचिका प्रविष्ट करनेके पश्चात भी झूठ बोलकर याचिकाके अनुसार अन्वेषण करनेसे अस्वीकार करनेवाली बांग्लादेशकी हिंदुद्रोही पुलिस भारतीय पुलिसकर्मियोंके बंधु ही हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
यह बतानेके पश्चात पुलिस अधीक्षकका क्रोध अनावर हुआ । उन्होंने उनके कार्यालयमें उपस्थित स्थानीय संसद सदस्य मोहम्मद अब्दुर रहमानके साथ संपर्क किया । रहमानने श्री. रवींद्र घोषसे अश्लील भाषामें बातचीत करना प्रारंभ किया । उन्होंने बताया कि मैं इस क्षेत्रके हिंदुओंका संरक्षक हूं । इस प्रकारकी कोई भी घटना घटी ही नहीं है । समाचारपत्रिकाने झूठा समाचार प्रकाशित किया है । आप भी इस विषयमें मौनका पालन करें अन्यथा परिणाम बुरे होंगे । (कहां भारतमें अल्पसंख्यक धर्मांधोंके लिए तत्पर रहनेवाले भारतके सर्वदलके जनप्रतिनिधि, तो कहां बांग्लादेशके अल्पसंख्यक हिंदुओंपर अन्याय करनेवाले वहांके जनप्रतिनिधि ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
श्री. घोषने सूचित किया है कि ऐसी घटनाएं बांग्लादेशमें प्रतिदिन घटती हैं । बलात्कार, बलपूर्वक भूमि अधिकारमें लेना, धार्मिक अत्याचार ऐसे विषयोंमें हिंदुओंका पक्ष प्रस्तुत करना प्रतिदिन कठिन ही हो रहा है । (श्री. घोष गत अनेक वर्षोंसे अकेले ही बांग्लादेशके हिंदुओंके लिए लड रहे हैं । किंतु भारतके बलशाली हिंदुनिष्ठ संगठन निष्क्रिय ही हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात