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अल्पसंख्यकोंकी शिक्षा, निवास तथा नौकरीसमान प्रश्नोंपर समाधान ढूंढने हेतु ‘समान संधी आयोग’ स्थ

फाल्गुन कृष्ण पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११५

  • ‘देशकी साधनसंपत्तिवर प्रथम अधिकार धर्मांधोंका’ ऐसा कहनेवाले कांग्रेसके प्रधानमंत्रीके राज्यमें इससे अलग क्या होगा !

  • हिंदुओ, ऐसे धर्मांध राजनीतिज्ञोंको आगामी चुनावमें सत्ताच्युत करें !

  • ऐन लोकसभा चुनावके समय कांग्रेस सरकारद्वारा धर्मांधोंकी चापलूसीके लिए और एक कदम !

नई देहली – पिछले १० वर्षोंमें कांग्रेस सरकारद्वारा धर्मांधोंपर की गई खैरात अल्प सिद्ध होनेका विचार कर ऐन लोकसभा चुनावके समय अल्पसंख्यकोंके (धर्मांधोंके) मतपेटियोंपर दृष्टि रखकर और एक योजना घोषित की गई है । ‘समान संधी आयोग’ ऐसे मोहक नामसे परिचित संस्थाको घटनात्मक स्तर देकर उसे अल्पसंख्यकोंकी शिक्षा, निवास तथा नौकरीविषयक समस्याआेंपर समाधान ढूंढने हेतु पूरे अधिकार दिए गए हैं । हाल-हीमें हुई केंद्रिय मंत्रीमंडलके बैठकमें इस योजनाको अनुमति दी गई है ।

१. इस आयोगको दिए गए अधिकार भयानक हैं । यदि किसी हिंदुने किसी धर्मांधको घर किरायेपर देने मना किया एवं उस धर्मांधने आयोगको परिवाद किया, तो आयोग उस हिंदुको उसका घर धर्मांधको किरायेपर देनेका आग्रह कर सकता है ।

२. विद्यालयमें प्रवेश, प्रतिष्ठानमें नौकरी, भूमि अथवा घर क्रय करना आदि प्रकरणोंमें भी ऐसी ही स्थिति रहेगी ।

३. सच्चर समितिके अनुबंधोंके अनुसार यह आयोग गठित करनेसे पूर्व एक मंत्रियोंकी समिति नियुक्त की गई थी । उस समय इस आयोगद्वारा इससे पूर्व नियुक्त सभी आयोग एवं मंत्री विभागोंके अधिकारोंपर अतिक्रमण होनेकी संभावना व्यक्त की गई थी; परंतु ऐन लोकसभा चुनावके समय धर्मांधोंकी चापलूसीके लिए ये सभी आक्षेप बस्तेमें रखकर ‘समान संधी आयोग’ स्थापित किया गया है ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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