फाल्गुन कृष्ण पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११५
‘यदि परिवादमें कुछ सार नहीं मिला, तो आपपर कार्यवाही हो सकती है !’- पुलिसद्वारा धमकी !
पुणे(महाराष्ट्र) : हिंदुनिष्ठोंके लिए सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) भारतमें धर्म-रक्षाका कार्य करना कितना कठिन हो गया है, इसकी हिंदुनिष्ठोंको १९ फरवरीको पुनः प्रतीति आइं । गुरुवार पेठके चर्चमें रेव. आर.पौलके प्रकटीकरणपर आधारित तीन दिवसीय विशेष अभ्यास शिविर (कार्यशाला) आयोजित किया गया था । उसके प्रसिद्धी हेतु लगाए गए फ्लेक्स एवं इस प्रकारके कार्यक्रमोंका पूर्वानुभव ध्यानमें लेते हुए इस कार्यक्रममें येशूका भय दर्शाकर हिंदुओंको भ्रमित कर उनका धर्मपरिवर्तन करनेका प्रयास होनेकी अधिक संभावना होनेके कारण हिंदुनिष्ठोंने कथित कार्यक्रमके विरुद्ध खडक पुलिस थानेमें परिवाद प्रविष्ट किया; परंतु पुलिसद्वारा ” हिंदुनिष्ठोंको धमकी देते हुए उनसे कहा गया कि ईसाईयोंके कार्यक्रम अच्छे रहते हैं । आप उनके कार्यक्रमका ध्वनिमुद्रण कर परिवाद प्रविष्ट करें, हम कार्यवाही करेंगे; परंतु यदि आपके परिवादमें कोई सार नहीं दिखाई दिया तो, ईसाई आपके विरोधमें भी परिवाद प्रविष्ट कर सकते हैं एवं आपपर भी कार्यवाही होनेकी संभावना है ।” (आजतकका इतिहास ऐसा है कि ईसाईयोंके कार्यक्रमोंमें हिंदुओंको लालच दर्शाकर उनका धर्मपरिवर्तन किया जाता है । ऐसा होते हुए हिंदुनिष्ठोंको ही डांट-डपट करनेवाली पुलिसके विरुद्ध उनके वरिष्ठोंको परिवाद करना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
हिंदुनिष्ठोंने अनुभव किया पुलिसका षडयंत्र
१. प्रकटीकरणपर आधारित विशेष शिविरका आपत्तिजनक फ्लेक्स देखकर पतित पावन संगठनके श्री. मनोज पवारने खडक पुलिस थानेमें १९ फरवरीको दोपहरमें परिवाद प्रविष्ट किया ।
२. तत्पश्चात खडक पुलिस थानेके वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सावंतने हिंदुनिष्ठोंको आश्वासन दिया कि हम ईसाई एवं आपकी एकत्रित बैठक लेकर विषयका निराकरण करेंगे तथा वहां कोई अनुचित घटना नहीं होने देंगे ।
३. संध्या समय पतित पावन संगठनके सर्वश्री विक्रम मराठे, मनोज पवार, हृषिकेश उभे; हिंदू जनजागृति समितिके श्री. पराग गोखले एवं श्री. अभिजीत देशमुख पुलिस थानेमें पहुंचे, तो हिंदुनिष्ठोंके ध्यानमें आया कि पूर्वमें ही ईसाई एवं पुलिसकी बैठक हो गई है ।
(हिंदुओंके पीठमें छुरा भोंकनेवाली पुलिस ! कहते हैं, कानूनकी रक्षक ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
४. इस अवसरपर खडक पुलिस थानेके वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सावंतने कहा, ‘’आप इतने लोगोंको यहां आनेकी क्या आवश्यकता थी ? समूहबंदीकी धारा लगाई गई है । इतनी संख्यामें आकर आप कानूनका उल्लंघन कर रहे हो; ईसाईयोंके कार्यक्रममें कोई अंधश्रद्धा नहीं रहती । फ्लेक्स देखकर आप यूंही विवाद उत्पन्न कर रहे हैं । यदि आपकी इच्छा है, तो आप कार्यक्रमस्थलपर जाकर ध्वनिमुद्रण करें । यदि आपको कुछ आपत्तिजनक लगा, तो आप हमें संपर्क करें । संभव हो तो, कार्यक्रममें अडचन आनेयोग्य न करें ।’’ (धर्मविरोधी कृत्यको वैधानिक मार्गसे विरोध करनेवाले हिंदुओंको समूहबंदीके धाराके नामपर भयभीत करनेवाली पुलिस धर्मांधोंके समूहके आगे क्यों झुक जाती है ? हिंदू सहिष्णू हैं । इसीलिए पुलिसकर्मी न्यायका पक्ष प्रस्तुत करनेवाले हिंदुनिष्ठोंको धमकी देनेका साहस करते हैं ! पुलिस किसीके मांग न करनेपर भी हिंदू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित हिंदु धर्मजागृति सभाका ध्वनिचित्रीकरण करती है; परंतु हिंदुओंके परिवाद करनेपर भी ईसाईयोंके कार्यक्रमका ध्वनिचित्रीकरण (रेकार्डिंग) कर उलटे हिंदुओंको ही परामर्श देनेवाली हिंदुद्वेषी पुणे पुलिस ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
५. कार्यक्रमका ध्वनिमुद्रण करने हेतु सभी नहीं, अपितु केवल २-३ व्यक्ति ही जाएं, पुलिसद्वारा ऐसी सूचना भी की गई ।
फ्लेक्सपरका लेखन !
पवित्र नाम देवालयकी ओरसे १९ से २२ फरवरीके मध्य गुरुवार पेठके पवित्र नाम देवालय चर्चमें तामिलनाडुके रेव आर.पौलके प्रकटीकरणपर आधारित विशेष अभ्यास शिविर ! प्रभु परमेश्वर अपना रहस्य अपने सेवक तथा संदेष्टोंको बताए बिना सचमें कुछ नहीं करते । (आमोन् ३:७ ) किसीका (मंडली ) उपर उठाया जाना, ७ सिक्के, ७ कर्णे, ७ कटोरियोंकी पीडा, आखिरका न्याय, हर्मगिदोन लडाई, १ सहस्र वर्ष ईर्साईके साथ राज्य, नया आकाश, नई पृथ्वी एवं नए शेरूशलेमसमान रहस्य समझमें लेने हेतु आप सबको आमंत्रित किया जाता है । (कार्यक्रम यदि ईसाईयोंका है, तो सभीको क्यों आमंत्रित किया जाता है ? विश्वमें रहस्य आदि कुछ नहीं है । सब बुदि्ध अगम्य है, इस प्रकार हिंदुओंके विषयमें कंठशोष करनेवाली अंनिसको क्या ईसाईयोंके रहस्य एवं कार्यक्रम पसंद आते हैं ? हिंदुओंके संदर्भमें खौलकर उठनेवाली अंनिस धर्मांध एवं ईसाईयोंके संदर्भमें क्यों मौन रहती है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
क्षणिकाएं
१. कार्यक्रमको निर्धन हिंदु महिलाएं भी उपस्थित थीं ।
२. कार्यक्रमके आरंभमें सभी लोगोंको निशुल्क बही एवं पेन बांटे गए ।
पुलिसकर्मियोंको अपेक्षित कार्यक्रमके आपत्तिजनक होनेका प्रमाण !
शिविरमें रेव आर. पौलद्वारा बाईबिलका प्रमाण देते हुए बताई गई अनेक चमत्कारिक बातोंमें कुछ बातें
- जिन लोगोंका येशूपर विश्वास है, उन्हें येशू स्वर्गमें ले जाएगा एवं ईसाईविरोधी ७ वर्षोंकी कालावधि समाप्त होनेके पश्चात पुनः पृथ्वीवर ले आएगा । येशू पहली बार मेघपर बैठकर आधे आकाशतक आएगा, जबकि दूसरी बार सफेद घोडेपर बैठकर पृथ्वीपर आएगा ।
- जिनका येशूपर विश्वास नहीं है, वे येशूके साथ स्वर्गमें न जाते हुए पृथ्वीपर ही रुकेंगे एवं ईसाईविरोधी कालावधिमें उन्हें अत्यधिक यातनाएं भोगनी पडेंगी । येशू उन्हें २१ प्रकारकी यातनाएं देगा ।
- यदि येशूके साथ आप स्वर्गमें आए, तो आपको प्रतिदिन विवाहके प्रीतिभोजमें खानेको मिलेगा ।
- माना कि आपका येशूपर विश्वास है; परंतु यदि आप येशू आनेके समयमें चलचित्र तथा मालिका देखना, मायाजाल (इंटरनेट) तथा भ्रमणभाष प्रयुक्त करना आदि पापोंमें रममाण होंगे, तो येशूपर विश्वास होते हुए भी आपका जीवन व्यर्थ होगा ।
- येशू केवल ईसाईयोंका ही नहीं, अपितु सभीका है । यदि येशूपर विश्वास रखा गया, तो पापोंसे मुक्ति मिलेंगी ।
(कहां स्वर्गमें जाने एवं वहांसे नीचे आने, स्वर्गमें प्रीतिभोजका आस्वाद लेने तथा सफेद घोडेकी परीकथाओंसमान काल्पनिक कथा बतानेवाला ईसाई पंथ, तो कहां सप्तलोक, ईश्वरप्राप्ति तथा उसके लिए प्रयासके विषयमें विवेचन करनेवाला हिंदु धर्म ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात