फाल्गुन कृष्ण पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदुनिष्ठोंके संगठित प्रयासोंको प्राप्त हुई सफलता !
हिंदुओ, इस सफलताके लिए श्रीकृष्णके चरणोंमें कृतज्ञता व्यक्त करें !
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मुंबई : यहां १९ फरवरीको छत्रपति शिवाजी महाराजका इस्लामप्रेम किस प्रकार था, इस संदर्भमें जमात-ए-इस्लामी हिंदके नौशाद उस्मानद्वारा आयोजित किया गया व्याख्यान आयोजकोंने निरस्त कर दिया है । पुलिसने कार्यक्रमके आयोजकोंको नोटिस दी थी । हिंदुनिष्ठोंद्वारा भी इस कार्यक्रमके विरोधमें याचिका प्रविष्ट की गई थी । यदि कार्यक्रम संपन्न हुआ, तो सामाजिक अनबन उत्पन्न हो सकती है, इसलिए साथ ही संगठित हिंदुओंके प्रयासोंके कारण आयोजक कार्यक्रम निरस्त करनेके लिए बाध्य हुए । उस्मान `इस्लामप्रेमी शिवराय’ इस विषयपर व्याख्यान देनेवाले थे । इस कार्यक्रमके संदर्भमें सामाजिक संकेतस्थलसे भी अधिकांश व्यक्तियोंको निमंत्रित किया गया था । (यदि हिंदुनिष्ठोंद्वारा अफजलखान हत्याका छायाचित्र भी प्रकाशित किया जाता है, तो वादविवाद उठानेवाले तथाकथित निधर्मी अब कहां हैं ? उनके मतसे शिवाजी महाराज धर्मनिरपेक्ष थे, तो यह कहना भी कहांतक उचित है कि वे इस्लामप्रेमी थे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. कार्यक्रमके आयोजनकी सूचना प्राप्त होते ही बजरंग दलके श्री. संदीप भगत तथा अन्य कार्यकर्ताओंने निजामपुरा पुलिस थानेमें परिवाद प्रविष्ट किया । (छत्रपति शिवाजी महाराजके अनादरके विरोधमें कृत्य करनेवाले बजरंग दलके श्री. संदीप भगत तथा अन्य कार्यकर्ताओंका अभिनंदन ! ऐसे सक्रिय हिंदुनिष्ठ ही सर्वत्र होने चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२. उस समय इस बातका पता चला कि इस कार्यक्रमके लिए ‘भारत मुक्ति मोर्चा’ इस संगठनद्वारा अनुमति प्राप्त की गई थी ।
३. पुलिसने परिवादकी ओर ध्यान देकर भारत मुक्ति मोर्चाके तहसील अध्यक्ष रवींद्र भोईरको आमंत्रित किया तथा उनके साथ विचारविमर्श किया ।
४. भोईरने लिखित रूपमें इस आशयका उत्तर दिया कि कार्यक्रममें इस प्रकारका कोई भी विषय नहीं है, साथ ही प्रसारित किया गया छायाचित्र तथा विज्ञापनके लिए मेरा भी विरोध है । इस प्रकारका कोई भी विषय इस कार्यक्रममें समाविष्ट नहीं है तथा श्री. नौशाद उस्मानको भी इसकी सूचना दी जाएगी ।
५. तदनुसार १९ फरवरीको नौशाद उस्मानने कार्यक्रममें भाषण नहीं दिया । साथ ही अन्य किसी भी वक्ताने कार्यक्रममें आपत्तिजनक वक्तव्य नहीं दिया । वहां उपस्थित होकर हिंदुनिष्ठोंने भी इस बातकी निश्चिति की ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात