आषाढ शु ८, कलियुग वर्ष ५११४
राज्यमें विद्यमान महत्त्वपूर्ण देवस्थानोंको तीर्थक्षेत्रका दर्जा देकर स्वतंत्र मंत्रालयका गठन करें ! वारकरी साहित्य परिषदकी शासनसे मांग
मुंबई, २६ जून ( संवाददाता ) – पंढरपुर, आलंदी, देहु, पैठण, तुलजापुर, जेजुरी एवं अन्य महत्त्वपूर्ण देवस्थानोंको तीर्थक्षेत्रका दर्जा देकर उनका विकास करें । उसके लिए स्वतंत्र मंत्रालयका गठन करें, शासनसे ऐसी मांग की गई है, यह सूचना वारकरी साहित्य परिषदके ( पुणे ) अध्यक्ष ह.भ.प. विठ्ठल पाटीलने प्रसिद्धीपत्रकद्वारा की है ।
इस प्रसिद्धीपत्रकमें प्रकाशित किया गया है कि,, वारकरी साहित्य परिषदकी वार्षिक सभा १४ जून २०१२ को पुणेमें ह.भ.प. पाटीलकी अध्यक्षतामें संपन्न हुई । उसमें वारकरियोंके हितके लिए अनेक मांगोंका प्रस्ताव रखा गया । शासन इस समय सदैवकी भांति आश्वासनोंकी अपेक्षा निश्चित उपाययोजना करे । देवस्थानोंके लिए स्वतंत्र मंत्रालय एवं मंत्रीकी नियुक्तिके बिना विकासकार्यको गति प्राप्त नहीं होगी । अतः स्वतंत्र मंत्रालयकी आवश्यकता है । साथ ही आषाढ एवं कार्तिक यात्रामें राज्यसे दिंडी जैसे धार्मिक उत्सव यात्राका आयोजन किया जाता है । उसमें जिन स्थानोंपर पालकीका निवासी शिविर होगा उस स्थानपर उस यात्रामें सहभागी वारकरियोंकी संख्याके अनुपातमें उचित मात्रामें पानी, निवास, स्वच्छतागृह एवं सुरक्षा आदि सुविधा एवं स्थान उपलब्ध करवाना चाहिए । शासनकी ओरसे महाराष्ट्रकी प्राचीन परंपरा कीर्तन समारोह आरंभ करें, सर्व तीर्थक्षेत्रोंके स्थानपर संत साहित्य वाङ्मयके लिए वाचनालय एवं ग्रंथालय आरंभ करें । सर्व शालेय अभ्यासक्रमोंमें संत साहित्यपर विशेष अभ्यासक्रम समाविष्ट करें । देवस्थानोंकी भूमि एवं पहाडोंको सुरक्षित कर उन स्थानोंपर वनौषधिके वृक्षोंकी रोपाई करें । ( मुसलमानोंकी हजयात्रा हेतु करोडो रुपए अनुदान देनेवाले हिंदुद्रोही कांग्रेसी राजनेता ये मांगें कभी भी पूरी नहीं करेंगे । अत: हिंदु ही उनकी यात्रा स्थलोंके लिए सर्व सुविधाकी पूर्ति करनेवाले राष्ट्रप्रेमी एवं धर्मप्रेमी राजनेताओंका हिंदु राष्ट्रकी स्थापन करने हेतु कटिबद्ध हों ! – संपादक )
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात