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छत्रपति शिवाजी महाराजके गुण आत्मसात कर हिंदु राष्ट्रकी स्थापना करें ! – श्री. विनायक बागवडे

फाल्गुन कृष्ण पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११५

शिवजयंतीके अवसरपर जलगांवमें हिंदू जनजागृति समितिद्वारा प्रवचनका आयोजन


जलगांव (महाराष्ट्र) : हिंदू जनजागृति समितिके श्री. विनायक बागवडेने जलगांवके चंदुअण्णा नगरमें छत्रपति शिवाजी महाराजकी जयंतीके अवसरपर आयोजित कार्यक्रममें यह प्रतिपादित किया कि ‘छत्रपति शिवाजी महाराजकी कालावधिमें जिस प्रकारकी परिस्थिति थी, सद्यस्थिति उसकी अपेक्षा पृथक नहीं है । शिवाजी महाराजने अपने सद्गुणोंके बलपर कृत्य कर हिंदवी स्वराज्यकी स्थापना की । तदनुसार हम भी उनके गुण आत्मसात कर अखिल विश्वमें शीघ्र ही हिंदु राष्ट्रकी स्थापना कर सकते हैं ।' इस कार्यक्रमका आयोजन साप्ताहिक सनातन प्रभातके वर्गणीदार श्री. आगवणेद्वारा किया गया था ।  ६० धर्माभिमानी हिंदुओंने इस कार्यक्रमका लाभ उठाया ।   

नौकरीका त्याग करना पडा, तो भी धर्माचरण न छोडनेवाला धर्माभिमानी युवक ! 

   कार्यक्रमके अंतमें यहांके एक धर्माभिमानी युवकने अपना अनुभव कथन किया । माथेपर तिलक धारण करनेके कारण उसे दो बार नौकरीके स्थानपर कष्ट सहने पडे । अतंमें नौकरीका त्याग करना पडा; किंतु उसने धर्माचरण नहीं छोडा । यह सुननेके पश्चात उपस्थित लोगोंने तालियोंकी गूंजमें उसके इस धर्माभिमानी कृत्यका स्वागत किया । (यदि  इस प्रकारके धर्माभिमानी युवक सर्वत्र हुए, तो हिंदु राष्ट्रकी स्थापना दूर नहीं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) 

क्षणिकाएं 

१. दोपहरसे मंडलद्वारा ध्वनिक्षेपकपर ऊंची आवाजमें गाने प्रसारित किए जा रहे थे । व्याख्यानके सक्रिय हिंदुत्वके सूत्रसे प्रभावित होकर एक महिलाने यह चूक बताई । तत्पश्चात उपस्थित युवकोंने बताया कि ‘भविष्यमें किसी भी अभियानमें अन्योंको कष्ट नहीं हों, इस बातका ध्यान रखेंगे । साथ ही सभीको सम्मिलित करनेका प्रयास करेंगे ।’ 

२. इस कार्यक्रममें अंततक महिलाओंकी उपस्थिति थी ।
३. कार्यक्रमके पश्चात सभीने धर्मशिक्षा कक्षकी मांग की । 
 
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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