फाल्गुन कृष्ण पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११५
शिवर (अकोला) – यहां १९ फरवरीको श्री शिवबा एवं समस्त गाववासियोंकी ओरसे शिवजयंतीका कार्यक्रम बडे उत्साहके साथ संपन्न हुआ । इस कार्यक्रमके निमित्त सवेरे १० से १ की कालावधिमें वाहनफेरी निकाली गई । इस वाहनफेरीमें घोषणाएं एवं शिवजयंतीके कार्यक्रमको उपस्थित रहनेके लिए आमंत्रण दिए गए । वाहनफेरीमें ३०० से अधिक हिंदु धर्माभिमानी उपस्थित थे ।
इस कार्यक्रमको वक्ताके रूपमें ह.भ.प. श्री एकनाथ महाराज डिक्कर, गोरक्षक एवं प्रखर धर्माभिमानी श्री. परमजितसिंह घुमन तथा हिंदू जनजागृति समितिके विदर्भ समन्वयक श्री. श्रीकांत पिसोलकर प्राप्त हुए थे । कार्यक्रमका सूत्रसंचालन श्री. संजय ठाकुरने किया । लगभग ५०० हिंदु धर्माभिमानियोंने कार्यक्रमका लाभ उठाया ।
ह.भ.प. श्री. एकनाथ महाराजने हिंदु धर्म एवं संस्कृतिपर आघात करनेवाली पश्चिमी सभ्यतावाली संस्कृतिका अंधानुकरण तथा इस संदर्भमें हिंदुओंका दायित्व, लडकियोंका पोशाक कैसे हो ? तथा हिंदु ही अपने देवी-देवताओंका अनादर कैसे कर रहे हैं ? विषयोंपर मार्गदर्शन किया ।
तदुपरांत हिंदू जनजागृति समितिके श्री. श्रीकांत पिसोलकरने ‘वर्तमान समयमें छत्रपति शिवाजी महाराजजीके विचारोंकी आवश्यकता तथा राष्ट्र एवं धर्मपर होनेवाले लव्हजिहाद, लैंडजिहाद तथा धर्मपरिवर्तन समान आघातोंकी जानकारी एवं इसपर उपाययोजन’के विषयमें उपस्थित लोगोंको मार्गदर्शन किया । गोरक्षक श्री. परमजितसिंह घुमनने अपने मार्गदर्शनमें सूचित किया कि अकोलामें प्रस्तावित अनधिकृत पशुवधगृहको सभी हिंदुओंको प्रखर विरोध करना चाहिए तथा गोरक्षा करना समयकी आवश्यकता है ।
इस कार्यक्रमकी सफलताके लिए २५ धर्माभिनियोंने अथक परिश्रम किए ।
क्षणिकाएं
१. शिवर गांवमें सर्वत्र भगवे ध्वज लगाकर हिंदुत्वका वातावरण उत्पन्न किया गया ।
२. इस अवसरपर स्थानीय लोगोंद्वारा हिंदू जनजागृति समितिसे धर्मशिक्षा एवं प्रशिक्षण वर्ग चालू करनेकी मांग की गई ।
३. इस कार्यक्रमकी सफलता यह है कि सभी धर्माभिमानी अपना पद, पक्ष तथा संगठन अलग रखकर केवल ‘हिंदु’के रूपमें एकत्रित आए थे ।
४. सभीने लव्हजिहाद विरोधी दल स्थापित करनेकी सिद्धता दर्शाई ।
स्त्रोत :दैनिक सनातन प्रभात