एआईपीएमटी इससे पहले ३ मई को हुई थी। लेकिन हरियाणा में पेपर लीक हो गया। बड़े पैमाने पर नकल का मामला भी सामने आया। इसके बाद १५ जून को सर्वाेच्च न्यायालय ने परीक्षा को रद्द कर दिया। कोर्ट ने २५ जुलाई को दोबारा टेस्ट कराने का आदेश दिया था। इस मामले में पीआईएल स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया ने दायर की थी जिस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई।
कोर्टरूम में क्या हुआ ?
पिटीशनर्स के वकील संजय हेगड़े ने अपनी दलील में कहा कि ड्रेस कोड से जुड़े सीबीएसई के सारे निर्देश मंजूर हैं लेकिन यह शर्त मंजूर नहीं है कि लडकियां हिजाब पहनकर नहीं आ सकतीं। हिजाब पहनना जरूरी धार्मिक प्रथा है। ऐसा नहीं हुआ तो लडकियों को परीक्षा में नहीं बैठने पर मजबूर होना पड़ेगा।
– बेंच ने आगे कहा – आस्था एक ऐसी चीज है जो किसी खास तरह के कपड़े को पहनने से काफी अलग है। अगर आप एक दिन बिना हिजाब के परीक्षा सेंटर चले जाएंगे तो आपकी आस्था खत्म नहीं हो जाएगी।
– बेंच का रुख देखते हुए वकील हेगड़े ने खुद ही पीआईएल वापस ले ली।
क्या है मामला ?
केरल हाईकोर्ट ने दो मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर परीक्षा देने की इजाजत दी थी लेकिन ड्रेस कोड के नियमों में दखल देने से इनकार कर दिया था। इसी दौरान सर्वाेच्च न्यायालय में भी पीआईएल दायर की गई।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर