फाल्गुन कृष्ण पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११५
निधर्मी हिंदुद्वेषी साम्यवादी नेता पिनारई विजयन्द्वारा हिंदु संतोंकी अपकीर्ति !
हिंदु संतोंके आश्रमपर आरोप लगानेवाले साम्यवादी क्या कभी ईसाईयोंके चर्चमें होनेवाले सभी प्रकारके लैंगिक शोषणके विरोधमें एक अक्षर भी निकालते हैं ?
थिरुवनंतपुरम् (केरल) : आश्रमके भूतपूर्व सहायक गेल त्रेडवेल उपनाम गायत्रीने अपनी पुस्तकमें ये आरोप लगाए हैं कि, ‘केरल राज्यकी माता अमृतानंदमईके आश्रममें अनेक वरिष्ठ निवासी लैंगिक शोषण करनेमें तथा अनेक व्यक्तियोंके साथ शारीरिक संबंध रखनेमें मग्न हैं ।’ साम्यवादी दलके महासचिव पिनारई विजयन्द्वारा इन आरोपोंकी जांच करनेकी अपेक्षा आश्रमपर कार्रवाई करनेकी मांग की गई है । गेल त्रेडवेल माता अमृतानंदमईके आश्रममें २० वर्षोंसे निवास कर रही थीं । उन्होंने ‘होली हेल’ नामक एक पुस्तकका भी लेखन किया है । उसमें लेखिकाने उपर्युक्त आरोप लगाए हैं । उसके ही आधारपर पिनारई विजयन्ने सूचना दी है कि उपर्युक्त आश्रमके आर्थिक स्रोतोंकी पूछताछ कर क्या वहां देशविरोधी कार्रवाई की जाती है, इसकी भी पूछताछ करें । उससे पूर्व ही आश्रमके सूत्रोंद्वारा बताया गया है कि पुस्तकमें लगाए गए आरोप झूठे एवं विवेकहीन हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात