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क्या ‘माझा’ ने अन्य पंथियों के श्रद्धास्त्रोतों के विषय में ऐसा विज्ञापन करने का साहस दिखाया होता ? हिन्दू निष्क्रिय होने से ही कोई भी उनके श्रद्धास्त्रोतों का इस प्रकार से अनादर करने का साहस करते हैं !
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हिन्दुओ, इस निष्क्रियता को छोडें एवं ‘माझा’ शीतपेय का बहिष्कार कर हिन्दू एकता की झलक दिखाएं !
‘माझा’ की कमान पर दो साधु नाचते हुए
नासिक – ठीक सिंहस्थपर्व में नासिक में कोका-कोला विदेशी आस्थापन के उत्पाद वाले ‘माझा’ शीतपेय द्वारा साधुओं का भयंकर अनादर किया गया है । ‘माझा’ द्वारा नासिक में अनेक स्थान पर खाने योग्य पदार्थों की दुकान में फलक लगाकर उस पर २ साधु नाच रहे हैं, ऐसा छायाचित्र दर्शाया गया है तथा ‘डूब जाईए आम के स्वाद में’, ऐसा वाक्य लिखा है । इससे प्रतीत होता है कि ये दोनों साधु लोगों को ऐसा ही संदेश दे रहे हैं । सिंहस्थ पर्व के उपलक्ष्य में पूरे देश से लाखों साधु शीघ्र ही नासिक आएंगे । इनमें अनेक साधुओं का आना भी आरंभ हो गया है । अतः भक्तों ने ऐसी प्रतिक्रिया व्यक्त की है कि इस पद्धति से इन साधुओं का स्वागत किया जाना सर्वथा अनुचित है ।
हिन्दू जनजागृति समिति ने कोका-कोला आस्थापन को पत्र लिखकर अनादर करनेवाली सब कमानें त्वरित हटा कर साधुओं का अनादर रोकने की मांग की है । परंतु अभी तक आस्थापन द्वारा कोई उत्तर नहीं आया है ।