रासायनिक संवर्धन को हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा समर्थन नहीं !
कोल्हापुर (महाराष्ट्र) – जिलाधिकारी अमित सैनी ने जानकारी देते हुए कहा कि अब श्री महालक्ष्मीदेवी की मूर्ति पर रासायनिक संवर्धन की प्रक्रिया आरंभ हो गई है एवं उसे रोक पाना असंभव है । वह अब चालू ही रहेगी । यदि इस प्रक्रिया से मूर्ति को कोई हानि पहुंची, तो उसका पूरा दायित्व पुरातत्व विभाग पर होगा । इस संदर्भ में संभाजीनगर के पुरातत्व विभाग को पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति द्वारा भेजे गए १ लाक्ष २५ सहस्र रुपए न पहुंचने के कारण उनके अधिकारी यहां आने की सिद्धता में नहीं थे । इसी समय हिन्दू जनजागृति समिति का पत्र आया । हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा उठाई गई आपत्तियों का हम विचार करेंगे, परंतु यह ६ अगस्त के पश्चात ही संभव होगा । समिति को हमें देवस्थान व्यवस्थापन समिति के अध्यक्ष के रूप में पत्र देना चाहिए । उनके धर्मशास्त्र से संबंधित सभी सूत्रों का अभ्यास कर निर्णय लिया जाएगा ।
तत्पूर्व हिन्दू जनजागृति समिति, समिति के साथ के वज्रलेपतज्ञ, मूर्तिकार, श्रीपूजक एवंं पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति के सदस्यों के साथ बैठक आयोजित की गई । हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे, हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. वीरेंद्र इचलकरंजीकर एवं भूतपूर्व न्यायाधीश श्री. सुधाकर चपलगावकर ने धर्मशास्त्र के विषय में सभी सूत्र प्रस्तुत किए; परंतु जिलाधिकारी ने असमर्थता व्यक्त की । श्री पूजकों ने भी कहा कि विधि होने के पश्चात कार्य को रोकना असंभव है । इस संदर्भ में जिलाधिकारी पर राजनीतिक दबाव आने की चर्चा चल रही थी । स्थानीय सांसद धनंजय महाडिक ने भी कहा कि पुरातत्व विभाग को कार्य रोकने के आदेश नहीं हैं ।
समिति द्वारा आयोजित बैठक में उपस्थित धर्माभिमानी एवं तज्ञ
मूर्ति की बार-बार मरम्मत करने की अपेक्षा स्थायी उपाययोजना करें ! – रमेश शिंदे
![श्री. रमेश शिंदे](https://www.hindujagruti.org/hindi/wp-content/uploads/sites/2/2014/09/Ramesh-shinde.jpg)
कोल्हापुर – जिलाधिकारी के साथ आयोजित बैठक के उपरांत हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने पत्रकारों से किए वार्तालाप में कहा कि…
१. जिलाधिकारी के साथ आयोजित बैैठक में हमने धर्मशास्त्र के अनुसार नई मूर्ति की आवश्यकता को रखा । मूर्ति की बार-बार मरम्मत करने की अपेक्षा स्थायी उपाययोजना करने के रूप में नई मूर्ति की आवश्यकता है ।
२. उन्होंने कहा कि श्री महालक्ष्मी देवी की मूर्ति को किसी भी प्रकार की हानि होने पर उसका दायित्व पुरातत्त्व विभाग का होगा ।
३. जिलाधिकारी ने कानून एवं सुरक्षा की दृष्टि से कथित प्रक्रिया चालू रखने का निर्णय लिया है । उन्होंने ६ अगस्त के पश्चात नई मूर्ति स्थापित करने के संदर्भ में देवस्थान समिति की विशेष बैठक आयोजित कर निर्णय लेने का आश्वासन दिया है ।
४. रासायनिक संवर्धन के लिए आज भी हमारा समर्थन नहीं है । हम धर्मशास्त्र के अनुसार नई मूर्ति स्थापित करने की भूमिका पर निश्चित हैं । जिलाधिकारी द्वारा कानून एवं सुरक्षा की दृष्टि से निर्णय लिया गया है, जिस में पीछे हटने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता ।
५. महत्त्वपूर्ण यह कि हमने इस बात पर जिलाधिकारी का ध्यान केंद्रित किया है कि श्री पूजकों द्वारा वज्रलेप के विरुद्ध अभियोग प्रविष्ट करते समय उसमें उन्होंने स्वयं ही मूर्ति भंग होने के संदर्भ में कहा था । वज्रलेप के कारण मूर्ति के स्पंदन भक्तों तक नहीं पहुंचेंगी, उन्होंने ऐसा दावा भी किया था । प्रत्यक्ष में आज वे इसके विरुद्ध भूमिका ले रहे हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात