फाल्गुन कृष्ण पक्ष द्वादशी, कलियुग वर्ष ५११५
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बीजिंग (चीन) – अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा की मुलाकात के बाद चीन ने बीजिंग में अमेरिकी उपराजदूत डेनियल क्रिटेनब्रिंक को तलब किया है। चीन ने इस मुलाकात को लेकर अमेरिकी उपराजदूत के समक्ष कड़ा राजनयिक विरोध जताया है। चीन द्वारा संबंध खराब होने की चेतावनी के बावजूद ओबामा ने शुक्रवार को ह्वाइट हाउस में दलाईलामा से मुलाकात की थी।
चीन के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि उप विदेश मंत्री झांग येसुई ने शुक्रवार रात को अमेरिकी उपराजदूत को तलब किया।
झांग ने कहा कि इस प्रकार के गलत कदम से चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किया गया है। इससे तिब्बत की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करने की अमेरिकी वचनबद्धता का भी उल्लंघन हुआ है। उनके मुताबिक ओबामा-दलाईलामा मुलाकात अंतरराष्ट्रीय संबंधों को लेकर आधारभूत मानकों का उल्लंघन है। इससे चीन और अमेरिका के संबंधों को नजरअंदाज किया गया है।
चीन को हुई शर्मिदगी
चीन की मीडिया द्वारा कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा के साथ मुलाकात से चीन को शर्मिदगी हुई है। उसके मुताबिक इस संबंध में चीन द्वारा दी गई चेतावनी का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स का कहना है, 'अब जबकि चीन मजबूत हो रहा है उस समय अमेरिकी राष्ट्रपति की दलाईलामा के साथ मुलाकात और ताइवान को हथियार बेचने जैसी पुरानी प्रथाओं से बहुत कम प्रभाव पड़ता है। इसके बावजूद शुक्रवार की मुलाकात से चीन को शर्मिदगी हुई है।'
स्त्रोत : जागरण