हम राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी नेपाल और नेपाली हिन्दूआें का अभिनंदन करते हैं कि उन्होंने नेपाल को पुन: हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए प्रयास किए हैं; परंतु जब तक नेपाल अधिकृत रूप से हिन्दू राष्ट्र नहीं बन जाता, तब तक नेपाली हिन्दुआें को प्रयासरत रहना ही पडेगा । दूसरी ओर, भारत के हिन्दुत्ववादी संगठनों को भी नेपाली हिन्दुआें का साथ देना आवश्यक है; जिससे नेपाल पर हिन्दू राष्ट्र के लिए आवश्यक अंतरराष्ट्रीय दबाव बन सकेगा । – हिन्दूजागृति
काठमांडू : नेपाल की राजनीतिक पार्टियों ने नए संविधान से ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द हटाने पर सहमति बना ली है। नेपाल के कट्टर यूनीफाइड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी (यूसीपीएन-एम) के दशकों लंबे चले हिंसक संघर्ष के बाद राजनीति की मुख्य धारा से जुड़ जाने से २००७ में देश को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया गया था।
इस फैसले ने नेपाल के सदियों पुराने हिंदू साम्राज्य होने की पहचान को समाप्त कर दिया था। नेपाल में ८० फीसदी जनसंख्या हिंदू है।
राजनीतिक पार्टियों ने नए संविधान पर लाखों लोगों की प्रतिक्रिया पर यू-टर्न लेते हुए धर्मनिरपेक्ष शब्द हाटने का फैसला किया।
संविधान सभा के मुताबिक, अधिकांश लोग धर्मनिरपेक्ष की जगह ‘हिंदू’ और ‘धार्मिक आजादी’ शब्द संविधान में शामिल कराना चाहते हैं।
नेपाल में जल्द नए संविधान की घोषणा की जाएगी।
यूसीपीएन-माओवादी के अध्यक्ष पुष्प कमल दहाल ऊर्फ प्रचंड ने सोमवार को मीडिया से कहा, “धर्मनिरपेक्ष शब्द इसमें फिट नहीं बैठता। इसलिए हम इसकी जगह दूसरा शब्द जोड़ रहे हैं। ”
उन्होंने कहा, “इस शब्द ने लोगों को परेशान किया है। इसने लाखों लोगों की भावना को आहत किया है। हमें लोगों के फैसले का आदर करना चाहिए। ”
नेपाली कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट और मधेशी पार्टियों ने भी धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाने पर सहमति जताई है।
स्त्रोत : ए बी पी लाइव