|| गुरुकृपा हि केवलं शिष्यपरममंङ्गलम् ||
शिष्योंको मोक्ष का मार्ग दिखानेवाले श्रीगुरु के चरणों में तन-मन से पूरीतरह शरण जाकर कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन !
नासिक (महाराष्ट्र) : शिष्योंको मोक्ष का मार्ग दिखानेवाले श्रीगुरु के चरणों में तन-मन से पूरीतरह शरण जाकर कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन अर्थात ‘गुरुपूर्णिमा’ का दिन !
सनातन भारतीय संस्कृति संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्त्वाधान में ३१ जुलाई के दिन पंचवटी के ‘श्रीकृष्णा माधव मंगल कार्यालय’ में ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ का आयोजन किया गया है। इस ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ का निमंत्रण देने हेतु उपर्युक्त दोनों संगठनोंने २५ जुलाई के दिन सायंकाल के साढेचार बजे भव्य प्रसारफेरी का आयोजन किया था।
श्रीकृष्णा माधव मंगल कार्यालय से इस प्रसारफेरी का आरंभ हुआ तथा समापन भी वहीं आकर किया गया।
भगवान श्रीकृष्ण को प्रार्थना कर इस फेरी का आरंभ किया गया। उस समय सनातन के साधक तथा हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओंने ‘हिन्दुओ धर्मरक्षा हेतु संगठित रहें’, ‘ईश्वरी राज्य, आदर्श राज्य’, ‘सर्व हिन्दुओ, संगठित रहें !’ इत्यादि फलक हाथ में पकडे थे।
नागरिकोंको ‘गुरुपूर्णिमा’ समारोह के लिए उपस्थित रहने की विनती ध्वनिवर्धक पर की गई, साथ ही ‘गुरुपूर्णिमा’ की निमंत्रणपत्रिकाएं भी वितरित की गर्इं। इस प्रसारफेरी में अग्रस्थान पर रहनेवाले धर्मरथ की ओर सब आकृष्ट थे।
विडीओ : ‘गुरुपूर्णिमा’ का महत्व, करने की पद्धति तथा शास्त्र
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात