फाल्गुन कृष्ण पक्ष द्वादशी , कलियुग वर्ष ५११५
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आगामी शैक्षिक सत्र से प्रबंधकीय शिक्षा में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इसके तहत अब संस्कृत में भी एमबीए (मास्टर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) किया जा सकेगा।
इस बातकी पुष्टि बघौला स्थित हरियाणा संस्कृत विद्यापीठ के प्राचार्य डॉ. श्रेयांस द्विवेदी ने की है। उन्होंने बताया कि देश भर के सभी विश्वविद्यालयों ने नई दिल्ली के जनकपुरी स्थित राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान को संस्कृत में एमबीए कराने के लिए विद्यार्थियों को दाखिला देने की हामी भर दी है।
बघौला स्थित संस्कृत विद्यापीठ संस्थान का कैंपस सेंटर है। द्विवेदी के मुताबिक एमिटी यूनिवर्सिटी ने तो संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए अपने यहां एमबीए करने वाले विद्यार्थियों को फीस में छूट देने तक की बात कह दी है। मौजूदा सत्र से ही यह सुविधा मिलने लगेगी।
उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी की ओर से आश्वासन मिलने के बाद संस्थान के कुलपति प्रोफेसर कन्नन ने देशभर के विभिन्न राज्यों में बने संस्थान के 11 कैंपस सेंटर और 25 संस्कृत आदर्श महाविद्यालयों में संस्कृत विषय के लिए मॉडर्न क्लास रूम तैयार करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
जिसका प्रचार-प्रसार केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं भाषाएं के संयुक्त निदेशक जग मोहन सिंह राजू की देखरेख में किया जाएगा। आदर्श संस्कृत महाविद्यालयों में पाणिनी व्याकरण से संबंधित अब तक जितने भी सॉफ्टवेयर तैयार किए गए हैं उसकी एक अत्याधुनिक लैब तैयार करवाई जाएगी।
यह लैब बघौला में भी बनेगी। इसके अलावा संस्कृत की कंप्यूटर लैब, वेद शाला एवं वैदिक गणित लैब तैयार होगी। उन्होंने बताया कि लंबे समय से संस्कृत विषय को बचाने के लिए इसको तकनीकी रूप देने के लिए प्रोफेसर सत्यव्रत शास्त्री व श्रीधर वाशिष्ठ की ओर से प्रयास किया जा रहा था। जिनके मार्गदर्शन पर अब जाकर सफलता मिलनी शुरू हुई है।
स्त्रोत : DelhiNCR amarujala.com