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केरल के दो इस्लामिक संगठनों के कार्यकर्ताओं पर गंभीर मामले दर्ज !

फाल्गुन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी, कलियुग वर्ष ५११५

एनडीएफ और पीएफआई की घिनौनी तस्वीर

 



 

पीएफआई  एनडीएफ

केरल : एक अहम फैसले में केरल सरकार ने केरल हाई कोर्ट में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीएफ) की घातक गतिविधियों को लेकर एक रपट दाखिल की है जिसमें उल्लेख किया गया है कि पीएफआई और एनडीएफ संगठन के कट्टरपंथी कार्यकर्ता राज्य में २७ साम्प्रदायिक हत्या और हत्या के प्रयास के 86 मामलों में लिप्त हैं। राज्य में १०६ साम्प्रदायिक हिंसा के मामले दर्ज किए गए हैं। सनद रहे कि इंटर मीडिया पब्लिशिंग लिमिटेड द्वारा एक याचिका दायर की गई थी जिसके जवाब में सरकार ने यह जानकारी उच्च न्यायालय को दी। सरकार ने ह्यतेजसह्ण समाचार पत्र को विज्ञापन देने बंद कर दिए थे क्योंकि समाचार पत्र कट्टरपंथी संगठनों से जुड़ा हुआ माना जाता है। गृह विभाग ने दाखिल की अपनी रपट में कहा है कि पीएफआई संगठन एक सुनियोजित ढंग से कट्टरवादी इस्लाम के प्रसार और लोगों के मतांतरण में जुटा हुआ है। मजहबी सोच को लाभ पहुंचाने के लिए मुस्लिम युवाओं की न केवल भर्ती की जा रही है, बल्कि इस्लाम के कट्टरवादी स्वरूप को न मानने वालों को निशाना बनाया जा रहा है। राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति थामस. पी. जोसफ आयोग की रपट का भी उल्लेख किया जिसमें हिन्दू मछुआरे की मराड नरसंहार में निर्मम हत्या कर दी गई थी।

राज्य की रपट में बताया गया है कि एनडीएफ कार्यकर्ता मराड में दो मई, २००३ को हुए नरसंहार में लिप्त रहे थे। उस समय एनडीएफ और पीएफआई की घिनौनी तस्वीर सामने आई थी, जो कि टी. जे. जोसफ और मुवत्तुपुआ के सहयोगी थे। तब दंगाइयों की न केवल आर्थिक रूप से असाधारण मदद की गई थी, बल्कि मामले के दोषी आरोपियों का बचाव भी किया गया था। उस दौरान अनेक सिम कार्ड का प्रयोग किया गया था और ५४ पीएफआई के कार्यकर्ता राज्य व जिला स्तर पर दंगे में लिप्त रहे थे।

राष्ट्र विरोधी पीएफआई के २१ कट्टर कार्यकर्ताओं को पुलिस ने नराथ से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उनके पास से विस्फोटक सामग्री, हथियार, देसी बम और ईरान की नागरिकता वाले पहचान पत्र बरामद किए थे। तब तेजस ने समाचार प्रकाशित किया था कि पुलिस ने २१ ‘निर्दोष’ मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया है, जो कि योगा प्रचार कार्यक्रम ह्यहेल्दी पीपुल, हेल्दी नेशनह्ण में व्यस्त थे। रपट में खुलासा किया गया है कुछ समाचार पत्र समूहों के बोर्ड सदस्य और ब्यूरो प्रमुख भी तेजस की तरह पीएफआई और एसडीपीआई के सक्रिय सदस्य हैं।

स्त्रोत : नितीसेन्ट्रल

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