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(कहते हैं) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बजरंग दल, अभिनव भारत एवं सनातन संस्था ये आतंकवादी संगठन हैं !

फाल्गुन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा, कलियुग वर्ष ५११५ 

  * ‘हू किल्ड करकरे’समान पुस्तकद्वारा वैचारिक आतंकवाद फैलानेवाले शमशुद्दीन मुश्रीफका हिंदुविरोधी विषवमन चालू ही है !

    *  कथित मुस्लिम अन्याय-अत्याचार विरोधी परिषदमें सभी वक्ताओंद्वारा हिंदुनिष्ठ संगठन एवं ब्राह्मणोंकी मनचाही निंदा

    हिंदुओंके मेले, यात्रा, धर्मजागृति सभा तथा पत्रकार परिषदका ध्वनिमुद्रण एवं चित्रण करनेवाली पुलिस धर्मांधोंके कार्यक्रमोंके विषयमें मात्र झुककर मौन रहते हैं ! इस कार्यक्रममें हिंदुओंके विरोधमें विषवमन करनेवाले एवं धार्मिक द्वेष उत्पन्न करनेवाले   वक्तव्य दिए जाते समय पुलिसकर्मियोंने उनकी सेक्युलरिज्मको (धर्मनिरपेक्षता) बस्तेमें गुंडेलकर रख दिया था ? वैचारिक रूपसे सुन्नत हुए कांग्रेसके राज्यमें धर्मांधोंको ऐसी ही छूट दी जाती है एवं वे इन्ही राजनेताओंके साथ समस्त हिंदुओंके सिरपर चटनी बांटते हैं ! राजनेताओंकी यह चापलूसी एवं हिंदुओंपर धर्मांधोंद्वारा होनेवाले आक्रमण स्थायी रूपसे समाप्त करने हेतु ‘हिंदु राष्ट्र' ही चाहिए !  

– संपादक, दैनिक सनातन प्रभात

पुणे (महाराष्ट्र) : २६/११ के आतंकवादी आक्रमणमें हिंदुनिष्ठ संगठनोंका हाथ होनेका सूचित करनेवाले ‘हू किल्ड करकरे’ पुस्तकके लेखक एवं भूतपूर्व पुलिस महानिरीक्षक शमशुद्दीन मुश्रीफने पुनः एक बार हिंदुविरोधी विषवमन किया है । वे भारत मुक्ति मोर्चा एवं मूलनिवासी मुस्लिम मंचद्वारा आयोजित कथित मुस्लिम अन्याय-अत्याचार विरोधी परिषदमें बोल रहे थे । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बजरंग दल, अभिनव भारत तथा सनातन संस्था बडे आतंकवादी संगठन हैं । (मुख है इसलिए कुछ भी बकनेवाले मुश्रीफ ! यदि उपरोक्त संगठन आतंकवादी होते, तो क्या मुश्रीफको उनकी मनचाही आलोचना करनेका साहस तो भी होता था ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) १९ से अधिक बमविस्फोटोंमें ये संगठन सम्मिलित है । (सहभाग है, ऐसी बात नहीं है, अपितु मालेगावसमान बमविस्फोटोंके अभियोगमें धर्मांधोंके सामने झुकनेवाली सेक्युलरीज्म (धर्मनिरपेक्ष) सरकारने जानबूझकर उन्हें फंसाया है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

समझौता एक्स्प्रेसमें हुए बमविस्फोटोंका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघसे संबंध है । मडगावमें भी सनातनके लोगोंके बम रखते समय विस्फोट हुआ । वहांपर अत्तरकी बोतलें एवं उर्दू फलक पाए गए थे । इससे बमविस्फोटकी घटनाओंमें धर्मांधोंको संलिप्त करनेका नियोजन था; परंतु पश्चात पता चला कि वे बमविस्फोट सनातनके लोगोंद्वारा किए गए हैं । (मडगाव विस्फोट प्रकरणमें सनातनके सभी साधक निर्दोष मुक्त होकर २ माह हो गएं हैं । न्यायालयद्वारा इन प्रकरणोंमें सनातन संस्थाको जानबूझकर फंसानेका न्यायालयद्वारा कलंक लगाया गया है । तब भी पुनः इसी प्रकरणमें सनातनके साधकोंको अपराधी  बताकर मुश्रीफने न्यायालयका अनादर किया है । इस विषयमें सनातन संस्था अधिवक्ताओंका परामर्श ले रही है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) इस कार्यक्रमके लिए ५ सहस्र कुर्सियोंकी व्यवस्था की गई है । तब भी केवल १ सहस्र लोग ही उपस्थित थे । इस परिषदके कार्यक्रम पत्रिकामें युवराज संभाजीराजे छत्रपतिका नाम था; परंतु वे नहीं आए ।

मुश्रीफके हिंदुद्वेषी वक्तव्य …

१. अन्वेषण तंत्रोंपर ब्राह्मणी व्यवस्थाका नियंत्रण है । (धर्मांधोंको ब्राह्मणोंके विषयमें इतना द्वेष क्यों है ? धर्मांधोंको ज्ञात है कि ब्राह्मणोंको लक्ष्य कर हिंदु समाजमें अंतर किया कि हिंदुओंको समाप्त करना आसान होगा । इसलिए वे ऐसा खेल खेल रहे हैं ! वास्तवमें सरकारकी आरक्षण संस्कृतिके कारण प्रशासन एवं पुलिसमें ब्राह्मण औषधिके लिए भी नहीं पाए जाते । इसलिए मुश्रीफका यह वक्तव्य हास्यजनक है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

२. २६/११ के आक्रमणमें मारे गए हेमंत करकरेके लॅपटॉपमें कौनसे संगठनोंका कौनसे बमविस्फोटोंमें सहभाग है, इस विषयकी व्हीडिज थे; परंतु राज्य सरकारने इस विषयकी जानकारी दबा दी । (हिंदुनिष्ठोंको आतंकवादी सिद्ध करने हेतु कांग्रेस सरकार तीव्रतासे प्रयास कर रही है । यदि ऐसा कुछ पाया जाता, तो क्या कांग्रेस सरकार मौन रहती थी ? मुश्रीफके बोलनेपर छोटा बच्चाभी विश्वास नहीं रखेगा ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

लिंगायत एवं धर्मांधोंका डी.एन.ए. एक होनेका सूचित करनेवाले कोरणेश्वर अप्पासमान हिंदुद्रोही ही खरे हिंदु धर्मके शत्रु हैं !

लिंगायत समाजके कोरणेश्वर अप्पाने कहा कि मुसलमान एवं लिंगायतका डी.एन.ए एक ही है । लिंगायत लोगोंका सबसे बडा शत्रु ब्राह्मण है । (यदि लिंगायत एवं मुसलमानका डी.एन.ए. एक ही है, तो अप्पा धर्मपरिवर्तन क्यों नहीं करते ? ब्राह्मणद्वेषके कारण हिंदुओंका वंशविच्छेद करनेवाले धर्मांधोंसे मित्रता करनेवाले अप्पाको यदि धर्मांधोंद्वारा लक्ष्य किया गया, तो हिंदु उनकी रक्षा क्यों करे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

धर्मांधोंपर अत्याचार होनेका झूठा दिखावा करनेवाले मुसलमान पत्रकार जियाउद्दीन सिद्दीकी !

१. पिछले ५० वर्षोंमें बाबरी मस्जिदका पतन सबसे बडा आक्रमण है । (१९४७ में पाकस्थित हिंदुओंका सिरच्छेद तथा कश्मीरी हिंदुओंका वंशविच्छेद इस विषयमें सिद्दीकी क्या कहना चाहते हैं ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

२. गोध्रा हत्याकांड, वर्ष १९९३ में किया गया बमविस्फोटका संबंध बाबरी पतनसे है । (धर्मांध आक्रमणकारियोंने हिंदुओंके लाखों मंदिर तोडे । बाबरी पतनके विषयमें आंसू बहानेवाले इस विषयमें क्यों मौन रहते हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

३. देशमें आजतक २९ बडे विस्फोट किए गए, जिनमें ८८८ लोग मारे गए । गुजरातमें हुए दंगोंमें साढेतीन सहस्र मुसलमान मारे गए । (गुजरात दंगोंमें केवल ७९० मुसलमान मारे गए हैं । तब भी साफ झूठी जानकारी देकर सांत्वना प्राप्त करनेका प्रयास करनेवाले षडयंत्री मुसलमान ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) आसाममें ४ सहस्र धर्मांधोंको मारा गया । इस विषयमें कोई कुछ नहीं बोलता; परंतु इन बमविस्फोटोंका दिखावा किया जाता है । (मारे गए लोग बांग्लादेशी मुसलमान थे, जो आसाममें देशविघातक कार्यवाहियां कर रहे थे । उनके विषयमें सिद्दीकीको इतना प्रेम क्यों है ? वे प्रथम उनके घुसपैठके विषयमें भाष्य करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

४. मालेगाव बमविस्फोट प्रकरणमें आतंकवादविरोधी दलने निर्दोष धर्मांधोंको नियंत्रणमें लिया । निर्दोष धर्मांधोंको पकडनेवाला  आतंकवादविरोधी दल नष्ट होना चाहिए । (आतंकवादविरोधी दलद्वारा साध्वी प्रज्ञासिंह तथा कर्नल पुरोहितका जो छल हुआ, उसके विषयमें कुछ भी न बोलते हुए केवल धर्मांधोंके पक्षमें बात करनेवाले धर्मांध पत्रकार सिद्दीकीके विरोधमें पुलिसकर्मी क्या कार्यवाही करेंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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