वाराणसी : वाराणसी में अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने ग्यानवापी मस्जिद के पास स्थित मंदिर में ‘जलाभिषेक’ के लिए देशभर से कार्यकर्ताओंको आमंत्रित किया है।
यहां इस तरह की धार्मिक गतिविधियां प्रतिबंधित हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि हिंदू महासभा का ये कदम वाराणसी में माहौल को खराब कर सकता है। उल्लेखनीय है कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है।
महासभा के कार्यकर्ताओंका कहना है कि उनका यह आयोजन देश को इस्लाम मुक्त बनाने के अभियान का हिस्सा है।
जलाभिषेक के लिए ३ अगस्त का दिन चुना गया है। ३ अगस्त को ही सावन का पहला सोमवार भी है जिस दिन हिंदुओं में शिव प्रतिमा पर जलाभिषेक करने की परंपरा है।
अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने अपने इस आयोजन के लिए वाराणसी जिला प्राधिकरण से भी कोई अनुमति नहीं ली है और न ही उन्होंने अधिकारियोंको इसकी जानकारी दी है।
एबीएचएम के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष कमलेश तिवारी ने कहा ‘हमें प्रार्थना करने के लिए किसी व्यक्ति या अथॉरिटी की अनुमति की जरूरत नहीं है। हमारे कार्यकर्ता श्रंगार गौरी मंदिर में जलाभिषेक करेंगे और ग्यानवापी इलाके को मुस्लिम मुक्त बनाने के लिए एक विरोध प्रदर्शन भी करेंगे।’
अखिल भारतीय हिंदू महासभा साल २०१७ में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी उतरने की तैयारी में है। उसने संगठन से जुड़ने के लिए पदाधिकारियोंके मोबाइल नंबर्स सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किए हैं।
वहीं पुलिस ने ऐसे किसी भी अभियान से अनभिज्ञता जताई है। काशी विश्वनाथ मंदिर के एसपी अरुण कुमार पांडे का कहना है कि मंदिर में किसी का भी प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है और एबीएचएम को भी इसकी इजाजत बिलकुल नहीं दी जा सकती है।
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स