सलमान खुर्शीद और भड़के, बोले- मोदी को नपुंसक न कहूं तो और क्या कहूं, कातिल?

फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी, कलियुग वर्ष ५११५


भारतका विभाजन कर १० लाख हिंदुओंकी हत्या होने देनेवाले, प्रतिदिन जिहादी आतंकवाद एवं नक्सलवादमें सैकडों नागरिकोंकी हत्या होने देनेवाले, सीमापर नियुक्त सैनिकोंको अकारण ‘शहीद’ होने देनेवाले तथा सिक्खविरोधी दंगोंमें साढेतीन सहस्र सिक्खोंकी हत्या होने देनेवाले कांग्रेसके नेता एवं परराष्ट्रमंत्री सलमान खुर्शीदका वक्तव्य

 

विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने नरेंद्र मोदी को नपुंसक कहा था। इस पर जब उनकी आलोचना शुरू हुई तो उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए कह दिया कि वे मोदी को नपुंसक न कहें तो क्या कहें? खुर्शीद के इस बयान पर कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी ताल में ताल मिला दी। उन्होंने कहा कि खुर्शीद कुछ भी गलत नहीं कहते।

खुर्शीद ने आज तक से खास बातचीत में कहा, 'मुझे बता दें, क्या शब्द इस्तेमाल करें। कोई कातिल कहता है। मैंने नहीं कहा। वो चाहते हैं कहूं। मेरा ये मानना है कि जिसको लेकर हम कह सकें कि मोदी जी की निजी जिम्मेदारी है। उनका जो निजी दायित्व था। उशके संदर्भ में उनकी जवाबदेही बनती है।' (यदि सलमान खुर्शीदके इस आरोपके समान विचार किया गया, तो स्वतंत्रताके ६६ वर्षोंमें देशमें सर्वाधिक समय सत्तामें रहनेवाली कांग्रेस ही सबसे बडी नपुंसक सिद्ध होती है ! इन वर्षोंमें कांग्रेसद्वारा ना जिहादी आतंकवाद रोका गया ना नक्सलवाद । उसीप्रकार ना धर्मांधोंद्वारा निरंतर हिंदुओंपर होनेवाले आक्रमणोंको रोका गया ना कश्मीरसे होनेवाले हिंदुओंके पलायनको रोका गया ! ऐसी नपुंसक कांग्रेसको अन्योंको नपुंसक कहनेका क्या अधिकार है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

खुर्शीद ने कहा, 'मोदी के सीएम रहते गुजरात में जो घटनाएं घटीं, चाहे गोधरा की घटना हो, चाहे उसके बाद की, उसका दायित्व वे स्वीकार करें। या फिर वो कहे कि हम असहाय हो गए हैं, कुछ नहीं कर पाए। तो उसके लिए कौन-सा शब्द है। इससे बेहतर हो तो बताएं। शब्द वो इस्तेमाल किया जो हिंदी भाषा में रोज इस्तेमाल किया जाता है।' (मोदीको नपुंसकके रूपमें अपमानित करनेवाले लोगोंकी शक्ति १९८४ के देहली दंगोंमें साढेतीन सहस्र सिक्ख मारे जाते समय तथा एक वर्षपूर्र्व शत्रुराष्ट्र पाकिस्तान भारतीय सैनिकका सिर काटकर ले जाते समय कहां गई थी ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

विदेश मंत्री ने अपने शब्दों का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने तो एक सामान्य शब्द का इस्तेमाल किया है, लेकिन यदि बीजेपी के नेता उसके गलत मतलब निकालते हैं तो वे जानें। खुर्शीद ने कहा, 'अगर वो कोई और संदर्भ दे रहे हैं, तो वो माफी मांगें। जांच कराएं इस बारे में। बीजेपी के नेता जानते होंगे। उन्होंने मोदी जी के बारे में क्या सोचा और समझा है। अगर उनके विचार ऐसे हैं, जिस पर माफी मांगनी चाहिए, तो उन्हें मांगनी चाहिए।'

सलमान खुर्शीद ने सवाल किया कि बीजेपी नेता जब उनके खिलाफ गलत भाषा का इस्तेमाल करते हैं तो पूछते नहीं, तो अब उन्हें चोट लगती है तो उफ कर रहे हैं। इस बात का फैसला वे लोग ही करें कि जो कातिल कहता है, वह सही है। या जो नपुंसक कहता है वह सही है।

क्या कांग्रेस मोदी से डर गई है?

सलमान खुर्शीद ने कहा कि कांग्रेस नहीं बीजेपी के नेता ही नरेंद्र मोदी से डर गए हैं। उन्होंने कहा, 'पिछले छह महीने में किसी बीजेपी नेता का मुस्कुराता चेहरा नजर नहीं आता। हमारा प्रचार मोदी सेंट्रिक नहीं है। जो गुजरात में हुआ, जो उनका रिकॉर्ड है, वह उसकी प्रशंसा करते हैं, तो हम जवाब देते हैं।'

राजनाथ ने मोदी को पीएम कैंडिडेट बनाने की माफी मांगी

बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कल एक बयान में कहा था कि यदि उनसे कोई गलती हुई है तो वे इसके लिए माफी मांगते हैं। इस पर सलमान खुर्शीद ने कहा, 'कल के बयान से मुझे ऐसा लगा जैसे वे नरेंद्र मोदी को पीएम कैंडिडेट बनाकर पछता रहे हैं और उसके लिए ये माफी मांगी है। राजनाथ जी संवेदनशील व्यक्ति हैं। उन पर क्या गुजर रही होगी कि उन्हें नेता प्रस्तुत न कर किसी और को पेश किया गया। मैं तो मानता हूं कि माफी तो दूर की बात है, पहले सत्य स्वीकार करें कि हुआ क्या है। बताएं तो किस बात की माफी मांग रहे हैं।'

सलमान की सुर में सुर मिलाया दिग्विजय सिंह ने

कांग्रेस के महासचिव और अपने बयानों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहने वाले दिग्विजय सिंह से जब राजनीति में इस तरफ के शब्दों के इस्तेमाल पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सलमान खुर्शीद बहुत अनुभवी हैं, समझदार विदेश मंत्री हैं। वे जो भी कहते हैं बिलकुल ठीक कहते हैं।

नरेंद्र मोदी के बारे में दिग्विजय सिंह ने कहा, 'इस पर मैं इतना ही कह सकता हूं कि मोदी ने गोधरा में दंगे रोकने की बजाय उन्हें बढ़ावा दिया। मोदी ने दंगाइयों को खुली छूट दे दी।'

स्रोत : आजतक

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