सिंधुरत्न पनडुब्बी हादसे पर नौसेना प्रमुख का इस्तीफा !

फाल्गुन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा, कलियुग वर्ष ५११५ 

लाखों करोड रुपयोंके घोटाले होकरभी कितने कांग्रेसी नेता खुदका दायित्व समझके इस्तीफा देते हें ? अपितु ‘भ्रष्टाचार करना यही हमारा दायित्व है’, यह सोच रखनेवालोंको इस्तीफा देनेका प्रश्नही नहीं उठता होगा !

 


नई दिल्ली- नौसेना में बीते एक साल के दौरान हुए करीब एक दर्जन हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नौसेनाध्यक्ष एडमिरल डीके जोशी ने इस्तीफा दे दिया है। सरकार ने तत्काल प्रभाव से उनका त्यागपत्र स्वीकार करते हुए अगली नियुक्ति तक उप-नौसेनाध्यक्ष वाइस एडमिरल आरके धोवान को नौसेना की कमान सौंप दी है। बुधवार तड़के मुंबई तट के निकट नौसेना की पनडुब्बी आइएनएस सिंधुरत्न हादसे का शिकार हो गई, जिसमें दो अधिकारी लापता हैं तथा सात नाविक घायल हो गए हैं। इनमें पांच की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह दुर्योग ही है कि पनडुब्बीरोधी युद्धकला के माहिर माने जाने वाले एडमिरल देवेंद्र कुमार जोशी के इस्तीफा का सबब भी पनडुब्बी हादसा ही बना।
नौसेना की पश्चिमी कमान में मुंबई तट से करीब ८० किमी दूर परीक्षण मिशन पर निकली सिंधुरत्न में बुधवार तड़के अचानक धुंआ भर गया। धुएं की घुटन से सात नाविक बेहोश हो गए, जिन्हें बाद में हेलीकॉप्टर से नौसैनिक अस्पताल आइएनएस अश्विनी पहुंचाया गया। दुर्घटना के वक्त करीब ६५  मीटर लंबी पनडुब्बी में चालक दल के ६० सदस्यों के अलावा उसके परीकोमोडोर कमांडर ऑफ सबमरीन कमोडोर एसआर कपूर और उनकी टीम भी मौजूद थी। हालांकि घायलों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है और दुर्घटना के बाद खाली की गई सिंधुरत्न में दो अधिकारियों की तलाश अभी जारी है।
बीते कुछ समय से लगातार दर्ज हो रही नौसैनिक दुर्घटनाओं के बीच सिंधुरत्न हादसे ने नौसेना के प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए एडमिरल डीके जोशी ने दोपहर बाद अपना इस्तीफा रक्षा मंत्री को सौंप दिया। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तथा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मंत्रणा कर इसे तत्काल प्रभाव से स्वीकार करने का फैसला लिया। जोशी ने अगस्त २०१२ में पदभार संभाला था और उनके कार्यकाल में अभी करीब डेढ़ साल और बाकी था। फिलहाल उप-नौसेनाध्यक्ष वाइस एडमिरल आरके धोवान को नौसेना की कमान सौंपी गई है लेकिन अगले नौसेना प्रमुख की दौड़ में पूर्वी कमान के कमांडर वाइस एडमिरल अनिल चोपड़ा को सबसे आगे माना जा रहा है। इन दोनों के अलावा पश्चिमी कमान के कमांडर वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा भी दौड़ में शामिल हैं।
महत्वपूर्ण है कि बीते साल १३-१४ अगस्त की मध्यरात्रि मुंबई बंदरगाह में खड़ी पनडुब्बी आइएनएस सिंधुरक्षक में धमाकों के बाद आग लग गई थी। इस हादसे में नौसेना को तीन अधिकारियों समेत अपने १८ नौसैनिक खोने पड़े थे। इसके बाद ३० सितंबर २०१३ को विमानवाहक पोत विराट, इस साल १७ जनवरी को आइएनएस सिंधुघोष और २२ जनवरी को युद्धपोत आइएनएस बेतवा भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। दुर्घटनाओं के सिलसिले पर गंभीर चिंता जताते हुए बीते दिनों रक्षा मंत्री एके एंटनी ने नौसेना को तेजी से सुधार के कदम उठाने व दोषियों को सजा की हिदायत दी थी। इससे पहले एंटनी नौसेना को जनता के पैसे से खरीदे गए महंगे सैन्य साजो-सामान के रखरखाव पर ध्यान देने की भी सीख दे चुके थे।

स्त्रोत : जागरण      

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