मुंबई – मुंबई में १९९३ में हुए बम धमाकों के गुनहगार याकूब मेमन को ३० जुलाई दी गई फांसी के बाद मुंबई में निकले उसके जनाजे पर मुंबई पुलिस की कड़ी नजर थी। जनाजे में अपराधियों के आने की आशंका को देखते हुए मुंबई पुलिस ने याकूब के जनाजे का वीडियो भी बनाया है। गुरुवार को जिस वक्त याकूब के लिए माहिम दरगाह पर दुआ पढ़ी गई और जब उसे मरीन लाइंस के बड़ा कब्रिस्तान में दफनाया गया, उस वक्त हजारों लोगों की भीड़ थी। पुलिस को इस बात की आशंका थी कि जनाजे में कई अपराधी आएंगे, इसके चलते ही जनाजे का वीडियो बनाया गया।
पुलिस कर रही स्कैनिंग
जानकारी के मुताबिक, जनाजे के बाद पुलिस उस वीडियो के फुटेज की स्कैनिंग कर रही है। याकूब के जनाजे में दस हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ जुटी थी। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, मेमन को फांसी दिए जाने से पहले मुंबई पुलिस ने आपराधिक रिकॉर्ड रखने वाले ५२६ लोगों को हिरासत में ले लिया था।
क्या था पुलिस का प्लान ?
याकूब के शव को भले ही फैमिली को दे दिया गया था, लेकिन पुलिस ने पूरी प्लानिंग के साथ ऐसा किया था। उसके शव को तुंरत दफनाने के लिए कहा गया था। पहले ही अंडरटेकिंग ले ली गई थी कि शवयात्रा नहीं निकाली जाएगी। प्रशासन ने ऐसा इंतजाम किया कि याकूब के शव को तुरंत मुंबई लाया गया। जब १२.३० बजे उसका शव पहुंचा तो मुंबई एयरपोर्ट पर कॉरपोरेट एविएशन टर्मिनल से एंबुलेंस निकाली गई। बता दें कि इस रूट का इस्तेमाल केवल वीआईपी के लिए होता है। मुंबई पुलिस के अलावा कुल ३५ हजार से ज्यादा जवान तैनात किए गए थे। इनमें रैपिड एक्शन फोर्स और सेंट्रल फोर्सेस के जवान भी थे।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर