मुसलमान और दलितोंको अपनी तरफ खींचने की कोशिश कर रहे हैदराबाद शहर का संसद सदस्य असदुद्दीन ओवैसी की राजनीति अब पूरे देश में पांव पसार रही है।
एबीपी न्यूज़ ने एक घंटे का एक नया कार्यक्रम शुरू किया है। ‘प्रेस कॉन्फ्रेन्स’ नाम के इस प्रोग्राम में एक नेता को बैठाकर उस से दिबांग सवाल पूछते हैं, उसके बारे में बहुत सारी विवादित जानकारी के पुराने टीवी फुटेज दिखाते हैं और फिर शुरू होता है सवालोंका सिलसिला। इस सवाल जवाब के लिए दिबांग के साथ दिल्ली में काम करने वाले बारह पत्रकार भी शामिल होते हैं। इस कार्यक्रम में आज आॅल इण्डिया मुस्लिम इत्तेहादुल मुसलमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी थे।
एक घंटे के इस कार्यक्रम में उनसे बहुत ही कठिन सवाल पूछे गए। और उन्होंने करीब करीब हर सवाल का जवाब देने की कोशिश की। यह अलग बात है कि बहुत सारे सवालोंके जवाब उनके पास नहीं थे। अगर किसी ने किसी मुसलमान बच्चे को नुकसान पंहुचाया तो उस व्यक्ति की आंख निकाल लेने के बजाय सर काट लेने की बात करने वाले उनके भाषण की क्लिपिंग जब उनको दिखाई गयी तो वे खासी मुश्किल में पड़ गए। यह जान लेना ज़रूरी है कि असदुद्दीन ओवैसी आतंकवाद के किसी केस में पकडे गए मुस्लिम नौजवान को “नच्चे” कहते हैं। इसी तरह जब उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी के बारे में सवाल हुए तो भी उन्होंने इधर उधर के कुछ वाक्य कहकर जान बचाई क्योंकि अकबरुद्दीन ओवैसी ने एक भाषण में दावा किया था कि उनको अगर सरकार पन्द्रह मिनट का समय दे दे तो वे हिन्दुओंको उनकी औकात दिखा देगें।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भाजपा साम्प्रदायिक राजनीति की पार्टी है लेकिन उसको हराने का ज़िम्मा केवल उनका ही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वे सेकुलरिजम के कुली नहीं हैं। तथाकथित सेकुलर पार्टियोंको चाहिए कि वे साम्प्रदायिक भाजपा को हराएं। उनका अकेले का ज़िम्मा नहीं है कि वे भाजपा को कमज़ोर करें। भाजपा और कांग्रेस के नेता उनकी इस बात का खंडन करते हैं। उन्होंने साफ़ दावा किया कि वे इस देश में रहते हैं इसलिए कि यह देश उनका है। हिन्दुस्तान उनका घर है, वे यहां किराएदार नहीं हैं। पूरी बातचीत में वे जब भी “हम” कहते थे, उनका मतलब पूरी मुस्लिम बिरादरी होता था। ऐसा लगता है कि वे खुद और उनकी पार्टी ऑल इण्डिया मुस्लिम इत्तेहादुल मुसलमीन अब अपने को देश के सारे मुसलमानोंका संरक्षक मानने लगी है।
स्त्रोत : एबीपी न्यूज