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नेपाल के दांग जिले में हिन्दुआें का किया जा रहा है बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन !

गत १५ वर्षों में ईसाइयों की जनसंख्या ६९४ से बढकर १२ सहस्त्र हुई

बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन को रोकने के लिए हिन्दुआें का परिणामकारक संगठन ही आवश्यक है । उसी प्रकार धर्मपरिवर्तन के उद्देश्य से ईसाइयों द्वारा की जा रही मीठी बातों में फंसने से हिन्दुआें को बचना चाहिए ।

religious_conversionनेपाल के स्थानीय समाचारपत्रों में प्रकाशित समाचार के अनुसार नेपाल के मध्य पश्‍चिम भाग के दांग जिले में हिन्दुआें का बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन कराया जा रहा है । आपको बता दें की, दो सहस्र एक की जनगणना के अनुसार, दांग जिले में ६९४ ईसाई थे, जो आज बढकर बारह सहस्र हो गए हैं । साथ ही, जिले में एक सौ ग्यारह चर्चों का निर्माण भी कराया गया है ।

१. दांग जिलेमें वर्ष २००१ के जनगणनानुसार केवल ६९४ ख्रिस्ती लोग थे, अर्थात संपूर्ण जनसंख्या के १.१४ प्रतिशत ख्रिस्ती थे ।

२. वर्ष २०११ के जनगणनानुसार केवल ख्रिस्ती जनसंख्या में वृद्धि होकर वह ७ सहस्र ४३१ इतनी बढी ।

३. गत ४ वर्ष में यह आंकडा ५ सहस्र से बढकर १२ सहस्र हो चुका है, इसके अलावा इस क्षेत्र में १११ चर्च की निर्मिती की गर्इ है । यह केवल बलपूर्वक धर्मांतर से ही संभव है, एेसा तज्ञोंका मत है ।

४. नेपाल के लिए हिन्दू राज्यघटना होनी चाहिए, इस हेतु हिन्दु संघटनाआेंने आंदोलन शुरु किए है । ख्रिस्ती लोगोंद्वारा हिन्दुआेंका धर्मांतर यह भी उसके पिछेका मुख्य कारण है ।

५. नेपाल में अभी नर्इ घटनानिर्मिती की प्रक्रिया शुरु है । घटनाकारोंने राज्यघटना में धर्मनिरपेक्ष यह शब्द की अपेक्षा धार्मिक स्वातंत्र्य यह शब्द समाविष्ट करनेका निर्णय लिया है ।

६. हिन्दू संघटना, राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पक्ष तथा नेपालके बहुसंख्य नागरिक इनका इस धार्मिक शब्द पर भी आपत्ति है । उन्हें घटना में हिन्दू राष्ट्र यही शब्द अपेक्षित है आैर उसके लिए नेपाल में बडी संख्या में आंदोलन शुरु है ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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