फाल्गुन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदुओ, पाकमें रहनेवाले हिंदुओंसमान स्थिति आपपर आनेसे पूर्व ‘हिंदु राष्ट्र’ स्थापित करें !
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इस्लामाबाद (पाकिस्तान) : पाकिस्तानके अल्पसंख्यक हिंदु उनके मंदिर तथा मंदिरोंके समीपके अहातोंको भूमाफियोंसे बचाने हेतु प्रयास कर रहे हैं । भारत-पाकिस्तान विभाजनके समय अधिकांश हिंदुओंको अपनी संपत्ति एवं आस्था स्रोंतोंको छोडकर पाकिस्तानसे भारत पलायन करना पडा था । स्थानीय भूमाफिये इस संपत्तिके नकली दस्तावेज सिद्ध कर उन्हें हथियानेका प्रयास कर रहे हैं ।
१.यहांके 'एक्स्प्रेस टि्रब्युन' दैनिकने कहा है, 'हिंदुओंके मंदिरके अहातेकी विशाल भूमिपर माफियोंकी दृष्टी है । भूमिकी कीमत अधिक रहनेवाले स्थानोंपर हिंदुओंके मंदिर अधिक हैं । इसलिए ये भूमि हथियाकर वहां संकुलका निर्माणकार्य करनेका षडयंत्र रचा जा रहा है ।
२. किर्तारपुराके निवासी अमरनाथने बताया कि 'भूमाफियोंके नियंत्रणसे एक भी मंदिर छूटा नहीं है ।
३. पाकिस्तानके सिंध प्रांतमें सौ वर्ष पूराने मंदिरमें अल्पसंख्यक हिंदुओंको प्रवेश अस्वीकार करनेकी घटनापर पाकिस्तानके सर्वोच्च न्यायालयने गंभीर रूपसे ध्यान दिया है ।
४. इस प्रकरणमें न्यायालयद्वारा पाकिस्तान सरकारको ब्यौरा प्रस्तुत करनेका आदेश दिया गया है तथा 'अल्पसंख्यक हिंदुओंको उनके मंदिरमें प्रवेश मिलनेके संदर्भमें कार्यवाही करें', ऐसे निर्देश भी दिए गए हैं ।
५. सर्वोच्च न्यायालयके कराची खंडपीठद्वारा एक याचिकापर सुनवाई करते हुए पाकिस्तान सरकारको ‘अल्पसंख्यक हिंदुओंके अधिकारोंकी रक्षा करने’ के संदर्भमें आदेश दिए हैं ।
६. इस प्रकरणमें अर्जदार रीजो मालद्वारा न्यायालयमें याचिका प्रविष्ट की गई थी । इसपर पाकिस्तानके प्रमुख न्या.तास्सादक हुसैन जिलानीके नेतृत्वमें खंडपीठने सरकारको इस विषयमें ब्यौरा प्रस्तुत करनेका आदेश दिया है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात