फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदा, कलियुग वर्ष ५११५
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संयुक्त राष्ट्रोंकी मानवाधिकार समितिद्वारा वेटिकनके ईसाई धर्मोपदेशकोंकी वासनांधताकी पोल खोली गई !
संयुक्त राष्ट्र – ईसाईयोंकी पुण्यभूमि ‘वेटिकन’ स्थित गिरिजाघरद्वारा २० वर्षतक गुप्त रखी बाल लैंगिक शोषणकी घटना विश्वके सामने आई है । संयुक्त राष्ट्रोंकी मानवाधिकार समितिने इस घटनाका भांडाफोड किया है । सैकडों पादरी सम्मिलित हुए इस कृत्यमें दस सहस्रसे अधिक लडकोंका शोषण किया गया है । संयुक्त राष्ट्रोंने वहांके अधिकारियोंको ‘वेटिकन’के २० वर्षपूर्व बाललैंगिक शोषणमें सम्मिलित धर्मोपदेशकोंको पुलिस नियंत्रणमें देनेके आदेश दिए हैं ।
वर्तमान पोप फ्रन्सिसने ऐसा विश्वास दिलाया है कि इस घटनाकी कार्यवाही अधिनियमानुसार की जाएगी । (वेटिकनसमेत संपूर्ण विश्वके गिरिजाघरोंमें चर्चित इस बाललैंगिक शोषणके विरुद्ध पोप फ्रन्सिस कुछ कृत्य करेंगे अथवा सदाकी भांति मौन रखकर कुछ वर्ष पश्चात क्षमा मांगनेका ढोंग करेंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
संयुक्त राष्ट्रोंकी मानवाधिकार समितिने ब्यौरेमें निर्देशित किया है कि पवित्र भूमि स्थित गुप्त संहिताके अंतर्गत यह मानवताविरोधी कृत्य दबानेका प्रयास किया जा रहा है । धर्मोपदेशकोंको खुली छूट देनेसे और अधिक बालक इन वासनांधोंके कृत्योंकी बलि चढ सकते हैं । परदेकी आडमें चल रहे इस कृत्यकी घटनामें दोषियोंको समर्थन देनेका काम करनेपर ईसाईयोंके प्रार्थनास्थल संकटमें आएंगे । (विश्वभरके प्रार्थनास्थलोंमें चल रहा वासनांधताका खेल रोकने हेतु क्या भारतीय प्रसारमाध्यम आवाज उठाएंगे अथवा हिंदु संतोंको अपकीर्त करनेमें ही स्वयंको धन्य मानेंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात