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हिंदुओ, आपका वैचारिक धर्मपरिवर्तन करनेकी इच्छा रखनेवाले मुथूट कंपनीका सदाके लिए बहिष्कार करें

फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वितिया, कलियुग वर्ष ५११५

 * हिंदुओ, हिंदु विरोधी नियम करनेवाले मुथूट कंपनीसमान प्रतिष्ठानोंका अथवा अंग्रेजी विद्यालयोंका बहिष्कार करें । 

  * इसके लिए हिंदुओंमें राष्ट्र एवं धर्मनिष्ठ मानसिकता होनेकी एवं संगठितता बतानेकी आवश्यकता है !


भारतके अंग्रेजी विद्यालयमें हिंदु लडकोंको माथेपर तिलक लगाने तथा हिंदु लडकियोंको हाथोंमें चुडियां पहननेपर प्रतिबंध लगाया जा रहा है । इतनाही नहीं, अपितु हिंदुओंके त्यौहारके अवसरपर हिंदु लडकियां हाथोंमें मेहंदी नहीं लगा सकती । नियमोंकी आडमें लगाए जानेवाले प्रतिबंध हिंदुविरोधी तालिबानी मौन रहकर सहन कर रहे हैं । उन्हें कोई विरोध नहीं करता । अबतक अंग्रेजी विद्यालयोंतक सीमित यह नमक अब कार्पोरेट क्षेत्रमें (Corporate Sector) भी फैल गया है ! इसका उदाहरण मुथूट फायनान्स एंड गोल्ड लोन कंपनीमें देखने मिलता है ।

मुथूट फायनान्स एंड गोल्ड लोन कंपनी भारतकी दूसरी श्रेणीकी कंपनी है तथा पूरे भारतमें उसकी शाखाएं हैं । इस कंपनीका प्रमुख  कार्यालय मुसलमान एवं ईसाई बहुसंख्यक केरल राज्यमें है । यह कंपनी सोना गिरवी रखकर सोनेके बराबरीके मूल्यका ८० प्रतिशत ऋण देती है । इस कंपनीके मुख्य कार्यालयद्वारा कंपनीमें काम करनेवाले कर्मचारियोंके लिए ‘ड्रेस कोड’ लागू किया गया है । कंपनीके सचिव थॉमस शाइनीके हस्ताक्षरवाले एक परिपत्रकमें स्त्री एवं पुरुषके गणवेशके संदर्भमें स्पष्ट आदेश दिए गए हैं ।

इन आदेशोंके अनुसार, 

१. पुरुष कर्मचारीके लिए चिकनी दाढी बनाना तथा अच्छा पाजामा एवं शर्ट पहननेका नियम है । 
२. यहांतक ठीक है; परंतु आगे दिए नियमोंके अनुसार पुरुष कर्मचारी घडी, गलेकी संकल अथवा अंगुठीके अतिरिक्त कुछ भी नहीं पहन सकते ।
३. कर्मचारियोंके शरीरपर कोई धार्मिक अथवा सांस्कृतिक संकेत न रहे ।
४. माथेपर चंदन लगाना, हाथमें पवित्र धागा बांधना अथवा रक्षाबंधनके दिन राखी बांधना निषिद्ध है । 

ऐसेही तालिबानी नियम महिला कर्मचारियोंके लिए भी हैं । 

१. महिला कर्मचारियोंने सारी अथवा सलवार-कुडता पहनना चाहिए । 
२. महिला कर्मचारी घडी, गलेमें संकल एवं अंगुठी धारण कर सकती हैं ।
३. वे मंगलसूत्र अथवा कानोंमें आभूषण नहीं धारण कर सकतीं । 
४. कंपनीमें रहते समय उन्होंने बालोंमें सिंदूर एवं माथेपर कुंकुम नहीं लगाना चाहिए ।
कंपनीके मतके अनुसार कंपनी सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) है, ग्राहकोंको यह दर्शाने हेतु ये नियम आवश्यक हैं !

हिंदुओ, ईसाईयोंका षडयंत्र जानें ! 

मुथूट फायनान्स एंड गोल्ड लोन कंपनीके आदेशमें हिंदुओंको यह जान लेना चाहिए कि, 
१. इस आदेशमें विवाहके लिए अंगुठी धारण करनेकी अनुमति है, क्योंकि यह ईसाई संस्कृतिके अनुसार भारतमें आया रिवाज है ! 
२. तथापि माथेपर चंदन लगानेकी अनुमति नहीं है; क्योंकि वह शुद्ध भारतीय संस्कृति है !
क्या मुथूट फायनान्स एंड गोल्ड लोन कंपनी इसका उत्तर देगी ?
१. कंपनीके उपरोक्त आदेशमें तिलक, कुंकुम आदिका उल्लेख है; परंतु गलेमें धारण किए क्रॉस अथवा बकरा दाढी अथवा जालीकी टोपीका उल्लेख क्यों नहीं है ?
२. अमेरिकासमान ईसाई देशमें हिंदु कर्मचारी राखी बांधकर अथवा तिलक लगाकर आ सकता है, तो भारतमें क्यों नहीं ?

(संदर्भ : हिंदी पाक्षिक वन्दे मातरम्, १ से १५ नवंबर २०१३)

मुथूट कंपनीका यह ' तालिबानी ' पत्रक पढनेके लिए यहां ‘क्लिक’ करें !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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