मेरठ : मेडिकल कॉलेज में दाखिल साध्वी प्राची की हालत में सुधार न होने के बावजूद उनको अस्पताल से छुट्टी दिए जाने पर हिंदुवादी संगठनों में नाराजगी है। उनका आरोप है कि ईएमओ के कहने पर डॉक्टरों ने साध्वी प्राची की हालत गंभीर होने के बावजूद उन्हें जबरन अस्पताल से निकाला गया है। हिंदू संगठनों ने इमरजेंसी वॉर्ड के बाहर हंगामा करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान संगठनों का गुस्सा ईएमओ पर भी फूटा पड़ा। पुलिस ने लाठियों फटकार कर हंगामा कर रहे लोगों को वहां से हटाया। वहीं, साध्वी प्राची ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी को पार्टी से हटाने की मांग की है।
सांसद साध्वी प्राची को एक हफ्ते पहले मेडिकल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। साध्वी को काफी चोट लगी थी। एक हफ्ते बाद साध्वी की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। सोमवार को मेडिकल के ईएमओ अजीत चौधरी के कहने पर डॉक्टरों ने छुट्टी कर दी। मेडिकल से साध्वी प्राची के छुट्टी होने की खबर मिलते ही तमाम हिंदू संगठन के लोगों की भीड़ जमा हो गई। साध्वी के समर्थकों ने इमरजेंसी के बाहर विरोध करते हुए हंगामा किया और धरने पर बैठ गए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को शांत कराने के लिए ईएमओ अजीत चौधरी मौके पर पहुंचे। जिन्हें देखते ही प्रदर्शनकारी आग-बबूला हो गए। प्रदर्शनकारियों का गुस्सा ईएमओ पर फूट पड़ा और हाथापाई शुरू हो गई। दोनों पक्षों ने लगभग दो घंटे तक मेडिकल में जमकर हंगामा किया। पुलिस ने मामले को शांत कराने का प्रयास किया। पुलिस ने मामला शांत कराने के लिए प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस ने ७ लोगों को हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में थाने ले जाकर छोड़ दिया गया।
यह था मामला
साध्वी प्राची एक सप्ताह पहले छेड़छाड़ को लेकर २०० लड़कियों के स्कूल छोडने के मामले में बरेली में महापंचायत करने जा रही थीं। आरोप है कि पुलिस ने उनकी गाड़ी को रास्ते में ही रोक लिया था। विरोध करने पर पुलिस ने लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा था। जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। कार्यकर्ताओं ने मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया था।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स