सिंहस्थपर्व में धर्महानि !
• एक स्वच्छतागृह का ध्यान रखने का नियोजन न करनेवाला महानगरपालिका प्रशासन सिंहस्थ पर्व का नियोजन कैसे करता रहेगा, इस का विचार ही न करें, तो अच्छा होगा !
• हिन्दुओ, यह धर्महानि सहन न करें। इस के विरोध में संगठित होकर प्रशासन को वैध मार्ग से फटकारें !
नाशिक (महाराष्ट्र) : एक संतापजनक प्रकार यहां सामने आया है कि, गोदावरी नदी के तट पर स्थित स्वच्छतागृह का मूत्रविसर्जन सीधा गोदापात्र में जा रहा है।
यह स्वच्छतागृह यहां के दहीपुल के नीचे तथा गोदावरी नदी के किनारे पर है। वह शिव मंदिर से केवल २०-२५ फीट की दूरी पर है। यह स्वच्छतागृह अत्यंत अस्वच्छ होने के कारण पुरुष स्वच्छतागृह के बाहर ही पेशाब कर रहे हैं। परिणामस्वरूप मूत्रविसर्जन मंदिर के निकट से जाकर सीधा गोदापात्र में इकट्ठा हो रहा है।
इस से मंदिर की पवित्रता भंग हो रही है। सिंहस्थपर्व निमित्त पवित्र स्नान करने हेतु श्रध्दालु अधिक संख्या से आ रहे हैं, किंतु उन्हें इन कष्टोंका सामना करना बाध्य हो रहा है। इतना होते हुए भी प्रशासन अभी तक जागृत नहीं हुआ है। इस संदर्भ में दही पुल के निकट के विक्रेताओंने अनेक बार परिवाद प्रविष्ट करने के पश्चात भी उस संदर्भ में किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है। (परिवाद की ओर अनदेखा करनेवाले संबंधित अधिकारियोंको त्वरित निलंबित करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात