फाल्गुन शुक्ल पक्ष पंचमी , कलियुग वर्ष ५११५
उडुपी (कर्नाटक) की हिंदु धर्मजागृति सभा
सभामें उपस्थित धर्माभिमानी हिंदु |
उडुपी (कर्नाटक) – राजनीतिज्ञोंको पाठ पढानेका एकमात्र अवसर अर्थात मतदान ! हमने यदि वर्ष २०१४ में यह अवसर खो दिया, तो पुनः ५ वर्षोंतक प्रतीक्षा करनी पडेगी । वर्ष २०१४ के चुनावमें राज्यमें कांग्रेस सरकारको अधिकार देनेके कारण हिंदुओंको भयानक कानूनोंका सामना करना पडेगा । इसी सरकारको पुनः सत्तामें बिठाया, तो अपना नाम, गांव तथा गली आदि सभी चीजोंका नाम परिवर्तित करनेकी परिस्थिति उत्पन्न होगी । कर्नाटक शासन पारित करने जा रही अंधश्रद्धा निर्मूलन विधेयकमें भी हिंदुओंके धार्मिक कृत्योंपर ही प्रतिबंध लगाया गया है । इसे रोकनेके लिए धर्माभिमानी अधिवक्ता श्री. रामदास नाईकने आवाहन किया कि इसे रोकनेहेतु हमें संगठित होना आवश्यक है ।
२ मार्चको उडुपीके श्री शारदा सभागृहमें हिंदू जनजागृति समितिद्वारा हिंदु धर्मजागृति सभा आयोजित की गई थी । इस समय वे बोल रहे थे । इस अवसरपर अधिवक्ता श्री. रामदास नाईकके शुभहाथों ‘बालक भाव भाग १’ सनातन-रचित अंग्रेजी ग्रंथका प्रकाशन किया गया । इस अवसरपर ५०० धर्माभिमानी उपस्थित थे ।
हिंदु धर्मशिक्षासे वंचित ! – श्री. हरिदास बी.सी. राव
दूरदर्शनके माध्यमसे अश्लील विज्ञापन प्रसारित किए जा रहे हैं तथा इसके कारण संस्कारोंपर आघात हो रहे हैं । हिंदु धर्मशिक्षासे वंचित हो गए हैं । यह परिस्थिति केवल श्रीकृष्ण ही बदल सकते हैं । हम हमारा कर्तव्य करते रहेंगे ।
सनातन धर्मका भगवा ध्वज पूरे विश्वमें फहराना ही हमारा उद्देश्य है ! – कु. प्रियांका स्वामी, सनातन संस्था
सनातन धर्मका भगवा ध्वज पूरे विश्वमें फहराना ही हमारा उद्देश्य है । स्वामी विवेकानंदकी १५० वीं जयंतीका वर्ष है । इस संन्यासीने भगवे वस्त्र परिधान कर शिकागोके विश्व संम्मेलनमें भगवा फहराया । आज सनातन संस्थाके साधक यही कार्य कर रहे हैं ।
व्यक्तिनिष्ठ एवं पक्षनिष्ठ न होकर धर्मनिष्ठ होकर हिंदुत्वके लिए कार्य करनेवाले व्यक्तियोंको ही मत दें ! – श्री. गुरुप्रसाद, हिंदु जनजागृति समिति
चुनावके समय मतदाताको राजा मानकर राजनीतिज्ञ मतोंकी भीख मांगते हैं; परंतु चुनकर आनेपर यही राजनीतिज्ञ राजा होकर याचक हुई प्रजाका नहीं सुनते । हमें मतदान करते हुए व्यक्तिनिष्ठ, पक्षनिष्ठ न होते हुए धर्मनिष्ठ होकर हिंदुत्वके लिए कार्य करनेवाले व्यक्तियोंको ही मत देना चाहिए । ‘सर्पकी अपेक्षा वृश्चिक अच्छा’ इस कहावतके अनुसार कांग्रेसकी अपेक्षा भाजपा हिंदुओंको अच्छी लगती है; परंतु दोनोंमें कुछ अंतर नहीं है । मतदान करते समय हिंदु धर्मके लिए कार्य करनेवाले एवं किसी भी परिस्थितिमें अल्पसंख्यकोंकी चापलूसी न करनेका आश्वासन देनेवाले व्यक्तिको ही मत देना चाहिए ।
क्षणिका
आयुर्वेद महाविद्यालयके प्राध्यापक श्री. जयकृष्णने कहा कि इंटरनेटपर तथा तंत्रज्ञानके माध्यमसे किसीके भी द्वारा न होनेवाला धर्मजागृतिका कार्य हिंदु जनजागृति समिति कर रही है ।
समितिके प्रमुख कौन ?, ऐसा पूछनेवाले पुलिसको भगवान श्रीकृष्ण हमारे प्रमुख हैं, ऐसा कहनेवाले समितिके श्री. रतीश
पुलिसके सभागृहमें आनेका प्रयास करते ही उन्हें समितिके श्री. रतीशने रोका । आपके प्रमुख कौन ? पुलिसद्वारा ऐसा पूछा जानेपर त्वरित श्री. रतीशने पुलिसको अंदर ले जाकर व्यासमंचपर लगा श्रीकृष्णार्जुनका बडा फ्लेक्स फलक दिखाकर कहा कि इस छायचित्रमें जिनके हाथमें घोडोंकी लगाम है, वही हमारे प्रमुख हैं, यह सुनकर पुलिस बाहर चले गए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात