ढाका : बांग्लादेश में एक हथियारबंद गैंग ने शुक्रवार को एक और सेक्युलर ब्लॉगर का मर्डर कर दिया। इस साल यह ऐसा चौथा मामला है, जिसमें किसी ब्लॉगर की हत्या की गई है। इस मर्डर की जिम्मेदारी ‘अंसार अल इस्लाम’ नाम के आतंकी संगठन ने ली है।
चाकुओं से गोद कर किया मर्डर
‘बांग्लादेश एंड एक्टिविस्ट नेटवर्क’ ने बताया कि ब्लॉगर का नाम निलॉय नील था। गैंग ने ढाका के उपनगर गोरान में उसके अपार्टमेंट में जाकर चाकुओं से निलॉय पर हमला किया। नेटवर्क के चीफ इमरान एच सरकार ने बताया कि शुक्रवार दोपहर १.४५ बजे जुमे की नमाज के बाद हमलावरों के दो ग्रुप अपार्टमेंट के चौथे फ्लोर पर निलॉय के फ्लैट में घुस गए। निलॉय उस समय अपने दोस्त के साथ बैठे थे। उन्होंने उसके दोस्त को धक्का देकर निलॉय को घेरकर चाकुओं से गोद डाला।
भारतीय उपमहाद्वीप का अलकायदा है अंसार अल इस्लाम
मर्डर की जिम्मेदारी लेने वाले अंसार अल इस्लाम को भारतीय उपमहाद्वीप का अल-कायदा भी कहा जाता है। उसने मीडिया को ईमेल भेज कर जिम्मेदारी ली है। [email protected] मेल आईडी से आए ईमेल में ईश निंदा करने वाले अन्य लोगों को भी जान से मारने की धमकी दी है। हालांकि पुलिस अंसारुल्ला बांग्ला टीम के आतंकी ग्रुप को संदिग्ध मानकर चल रही है। यह ग्रुप सरकार द्वारा बैन है।
इस्लामी आतंकियों के निशाने पर था ब्लॉगर
इमरान सरकार ने बताया कि निलॉय एक रेगुलर ब्लॉगर होने के कारण इस्लामी आतंकियों के निशाने पर था। वह अपने आर्टिकल्स के जरिए इस्लामी पार्टियों को बैन करने का मूवमेंट चला रहा था। उसने कई बार १९७१ वॉर क्राइम के दोषियों को ज्यादा से ज्यादा सजा देने की भी मांग की थी।
गौरतलब है कि मई में बांग्लादेश सरकार ने इस्लामी आतंकी अंसारउल्लाह बांग्ला टीम पर बैन लगा दिया था। इस ग्रुप पर देश में सेक्युलर ब्लॉगर्स की हत्या करने का आरोप था। इससे पहले मई में ब्लॉगर अनंत बिजॉय दास की हत्या कर दी गई थी।
अनंत बिजॉय दास
धार्मिक कट्टरपंथ के खिलाफ लिखने वाले ब्लॉगर अनंत बिजॉय दास की १२ मई को सिलहट शहर में हत्या की गई। अनंत को नास्तिक बताया जाता है और वो ‘मुक्त-मन’ नाम के ब्लॉग के लिए लिखते थे। इसे ब्लॉगर अविजीत राय चलाते थे, जिनकी इसी साल हत्या कर दी गई थी। अनंत तिमाही मैगजीन जुक्ति के संपादक भी थे। इसके अलावा उन्होंने तीन किताबें भी लिखी हैं। अनंत की मौत पर गार्जियन समेत तमाम विदेशी मीडिया ने लिखा था कि एक बहादुर शख्स को सिर्फ अपनी ईमानदारी और सच्चाई के लिए अपनी जान गंवानी पड़ी।
वसीकुर रहमान
इसी साल ३० मार्च को ढाका के तेजगांव में वसीकुर रहमान नाम के ब्लॉगर की हत्या कर दी गई थी। तीन हमलावरों ने २७ साल के रहमान के चेहरे पर छुरे से इतने वार किए कि उन्हें पहचानना मुश्किल हो गया था। इस मामले में पुलिस ने मौके से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इन संदिग्धों ने बताया था कि रहमान की हत्या इस्लाम विरोधी आर्टिकल लिखने की वजह से हुई है। ये दोनों अंसरुल्ला बांग्ला टीम के सदस्य थे, जिन्हें ब्लॉगर को मारने के लिए १५ दिन की ट्रेनिंग मिली थी। इस हत्या पर एक्टिविस्ट ब्लॉगर नेटवर्क चलाने वाले इमरान एच सरकार ने कहा था कि ये उन्हीं लोगों को निशाना बना रहे हैं, जिन तक आसानी से पहुंचा जा सके। इनका मुख्य मकसद ब्लॉगर्स के बीच अपना खौफ पैदा करना है।
अविजीत रॉय
धार्मिक रूढ़िवादिता के खिलाफ लिखने वाले ब्लॉगर अविजीत रॉय की इसी साल ढाका में २६ फरवरी को हत्या कर दी गई थी। उस वक्त वे ढाका यूनिवर्सिटी में आयोजित बुक फेयर से लौट रहे थे। घटना के वक्त उनकी पत्नी राफिदा अहमद भी उनके साथ थीं और वो भी हमले में घायल हुई थीं। बांग्लादेश में पैदा हुए ४२ साल के अविजीत अमेरिकी नागरिक थे। वो एक ब्लॉग चलाते थे, जिसमें वह इस्लामी कट्टरपंथ के खिलाफ लिखा करते थे। टि्वटर पर उन्होंने खुद को बांग्लादेश में आजाद ख्यालों वाले पैरोकारों की रक्षा करने वाला बताया था। अविजीत के परिजनों के मुताबकि, ‘मुक्त-मन’ (फ्री माइंड) ब्लॉग पर धर्मनिरपेक्ष विचारों वाले लेख लिखने के बाद उन्हें धमकियां मिलती थीं ।
स्त्रोत : भास्कर