फाल्गुन शुक्ल पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११५
निपाणी- बेलगाव (कर्नाटक) में राष्ट्रीय हिंदु आंदोलन
‘हिंदु राष्ट्र’ ही विश्वको शांति दे सकता है ।
आंदोलन में सहभागी हुए धर्माभिमानी
निपाणी-बेलगाव (कर्नाटक) : निपाणीके कित्तुर रानी चन्नमा चौकमें ३ मार्चको आयोजित राष्ट्रीय हिंदु आंदोलनके समय बोलते हुए हिंदु जनजागृति समितिके श्री. मधुकर नाजरे एवं श्री. अनिल बुडकेने चेतावनी देते हुए कहा कि भारतमें हिंदु समाज बहुसंख्य होते हुए भी राजनीतिक पक्षोंद्वारा उसके राष्ट्रहितके मांगोंका विचार ही नहीं किया जाता । इसलिए चुनावकी दृष्टिसे हिंदु समाजमें जनजागृति चालू है तथा यदि हिंदु समाजके मत चाहते हैं तो राजनीतिक पक्षोंको चुनाव घोषणापत्रमें हिंदुओंकी मांगोंका समावेश करना चाहिए ।
इस आंदोलनमें ५५ धर्माभिमानी उपस्थित थे ।
‘हिंदु राष्ट्र’ ही विश्वको शांति दे सकता है ! – तेरनेगुरुजी
धर्माभिमानी श्री. तेरने गुरुजीने कहा कि शत्रुराष्ट्र अपने सैनिकोंका गला काटते समय हम मात्र चुडियां भरकर स्तब्ध हैं । हिंदु धर्मपर चारों ओरसे आघात होते समय हम निद्रीस्त हैं । इसलिए सभीको जागृत होकर संगठित रूपसे संघर्ष करना आवश्यक है । इसके लिए आत्मिक, शारीरिक, आध्यात्मिक तथा आर्थिक बल बढाने हेतु प्रत्येक हिंदुको साधना करना आवश्यक है । ‘हिंदु राष्ट्र’ ही विश्वको शांति दे सकता है । इसलिए हिंदु जनजागृति समितिके कार्यकर्ता त्याग कर कार्य कर रहे हैं ।
हिंदुओ, मंदिर नियंत्रणमें लेने हेतु अंततक प्रयास करें ! – श्री. श्रीनिवास, श्रीराम सेना
श्रीराम सेनाके श्री. श्रीनिवासने कहा कि हिंदु धर्मियोंके मंदिरोंका पैसा अन्य धर्मियोंके लिए तथा अन्य कारणोंके लिए प्रयुक्त किया जाता है । यह अयोग्य है । सभी हिंदुओंको अपने मंदिर नियंत्रणमें लेने हेतु अंततक प्रयास करना आवश्यक है । हिंदुओंके पैसोंपर हिंदुओंका ही अधिकार है ।
क्षणिकाएं
१. धर्माभिमानी श्री. रोहन राऊतने कर्नाटक शासनका तीव्र निषेध करते हुए चेतावनी दी है कि यदि मंदिर सरकारीकरण कानून निरस्त नहीं किया गया, तो हिंदु एकत्र आकर तीव्र आंदोलन करेंगे !
२. चौकके श्री. विजय कमतेने सर्व धर्माभिमानियोंने उत्स्फूर्ततासे गन्नेका रसका वितरित किया गया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात