एक आेर अजित डाेवल (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार), एनआर्इए तथा भाजपा सांसद तरूण विजय कह रहे है की भारत को इस्लामिक स्टेट से खतरा है, तो दुसरी आेर गृहमंत्री राजनाथ सिंह कहते है की भारत में इस्लामिक स्टेट का कोर्इ असर नहीं है । गृहमंत्रीजी का यह दृष्टिकोन भारत की सुरक्षा को देखते हुए बदलना चाहिए तथा उन्होंने शीघ्रता से इस्लामिक स्टेट के विरूद्ध उपाययोजना की आेर ध्यान देना चाहिए । – हिन्दूजागृति
श्रीनगर : बॉर्डर से जारी घुसपैठ और आतंकी हमलोंके बीच शुक्रवार को श्रीनगर में एक बार फिर इस्लामिक स्टेट के झंडे नजर आए। यह लगातार चौथा मौका है जब जुमे की नमाज के बाद श्रीनगर में इस आतंकी संगठन के झंडे दिखाए गए हैं। जो झंडे दिखाए गए उन पर लिखा था, ‘IS JK जल्द आ रहा है। श्रीनगर के जामिया मस्जिद इलाके में एक बार फिर पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के झंडे भी नजर आए। (इस्लामिक स्टेट के झंडे दिखानेवाले जिहादीयों को तुरंत ही फांसी पर लटका देना चाहिए । तभी यह स्थिती बदल सकती है । – हिन्दूजागृति)
जुमे की नमाज के बाद हुई इस घटना का सिक्युरिटी फोर्सेस को पहले से अंदेशा था। इस की वजह यह है कि पिछले कई हफ्तोंसे हर शुक्रवार भारत विरोधी लोग इस तरह के प्रदर्शन करते आ रहे हैं। वे हिरासत में रखे गए अलगाववादी नेताओंकी रिहाई की मांग करते हैं। पहले उन्होंने पुलिस पर पथराव भी किए थे। इस लिए इस बार सिक्युरिटी फोर्स के लोग पहले से ऐसी किसी घटना से निपटने के लिए तैयार थे। लिहाजा प्रदर्शनकारियोंको हिंसा करने का मौका हाथ नहीं लगा। इस बीच, उधमपुर में बीएसएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद घाटी में सिक्योरिटी अरेजमेंट्स काफी सख्त कर दिए गए हैं।
श्रीनगर में कब-कब दिखे आईएस के झंडे ?
– १७ जुलाई शुक्रवार को श्रीनगर के नोहट्टा इलाके में एक मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद विरोध भड़का। प्रदर्शनकारियों ने आईएसआईएस और लश्कर-ए-तैयबा के झंडे दिखाए।
– २४ जुलाई को श्रीनगर की जामिया मस्जिद में नमाज के बाद कुछ लोग आईएसआईएस का झंडा लिए नजर आए। उन्होंने नकाब पहन रखा था।
– ३१ जुलाई को इसी मस्जिद के बाहर नमाज के बाद फिर आईएसआईएस और लश्कर-ए-तैयबा के झंडे दिखाए गए।
झंडे दिखाने के पीछे १२ लड़कोंका ग्रुप है इन घटनाओंके पीछे
पुलिस अफसरोंके मुताबिक आईएसआईएस और पाकिस्तान के झंडे फहराने के पीछे १२ लड़कोंका ग्रुप है। सीनियर पुलिस अफसरोंके मुताबिक इंटेलीजेंस इनपुट और सीसीटीवी कैमरोंसे मिले फुटेज और फोटो के आधार पर इस ग्रुप से जुड़े लोगोंकी पहचान कर ली गई है और इन पर लगातार निगाह रखी जा रही है। इंटेलिजेंस एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि इस ग्रुप को आखिर फंडिंग कहां से हो रही है।
इंडियन मुजाहिदीन कर रहा आईएस के लिए रिक्रूटमेंट
पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआईएस के लिए रिक्रूटमेंट करने वाले ऐसे ७० से ७५ लोग भारतीय खुफिया एजेंसियोंके रडार पर हैं। आईएसआईएस ज्वॉइन कर चुके इंडियन मुजाहिदीन के कुछ लोग भारत में रिक्रूटमेंट करने के लिए लोगोंसे संपर्क कर रहे हैं। ऐसे हैंडलर्स के होने की मौजूदगी खुफिया अफसरोंने भी मानी है। ये अफसर उस ऑपरेशन का हिस्सा रहे हैं, जो बीते एक साल में तेलंगाना के १७ यंगस्टर्स को आईएसआईएस ज्वाइन करने के लिए विदेश जाने से रोक चुके हैं।
आईएसआईएस से भारत को कितना खतरा है ?
१. नवंबर में ही आगाह कर चुके थे एनएसए डोभाल
नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल ने नवंबर में ही आगाह कर दिया था कि आईएसआईएस के मामले में भारत को रणनीतिक नजरिया अपनाना चाहिए। वहां आतंकियोंके बढ़ रहे मूवमेंट के मद्देनजर उसके संभावित नतीजोंके लिए तैयार रहना चाहिए। डोभाल ने एक लीडरशिप समिट में कहा था – देश के किसी भी धार्मिक मुस्लिम नेता ने आईएसआईएस का सपोर्ट नहीं किया है। सभी ने आईएस और अलकायदा के खिलाफ फतवे जारी किए हैं। आईएसआईएस और अलकायदा देश में आतंकी हमले कर हिंसा फैला सकते हैं लेकिन हमारा देश इतना मजबूत है कि वह ऐसे संगठनोंसे निपट लेगा।
२. लेकिन राजनाथ सिंह को लगता था – आईएस से देश को खतरा नहीं है
मार्च में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जयपुर में कहा था कि देश में आईएसआईएस का असर नहीं है। भारतीय मुस्लिम युवकोंको आकर्षित करने में आईएसआईएस नाकाम रहा है।
३. एनआईए भी कह चुकी है – भारत के खिलाफ साजिश रच सकता है आईएसआईएस
मुंबई के कल्याण से भागकर आईएसआईएस में शामिल होने गए अरीब मजीद के खिलाफ मई में नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) ने चार्जशीट दायर की थी। इस में एनआईए ने कहा था कि हो सकता है कि आईएस आनेवाले समय में भारत विरोधी आतंकी समूहोंसे रिश्ते बढ़ा ले। आईएस यह साजिश रच रहा है कि कैसे भारतीय युवकों और एनआईआर लोगोंको संगठन से जोड़कर इराक-सीरिया के साथ भारत और अन्य एशियाई देशों में आतंकी हमलोंको अंजाम दिया जाए।
४. भाजपा सांसद को ही मिली आईएसआईएस की धमकी
जून में भाजपा सांसद तरुण विजय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस आयुक्त को भेजी शिकायत में कहा कि उन्हें जिहाद के खिलाफ लेख लिखने के लिए आईएसआईएस से जान से मारने की धमकी मिली है। उन्होंने कहा था कि उनका ईमेल आईडी १५ दिन में दो बार हैक हो गया था। इसी में उन्हें धमकी मिली।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर