फाल्गुन शुक्ल पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदू जनजागृति समितिके प्रबोधन के उपरांत फ्लेक्स निकाला !
हिंदु बंधुओं, इस विषयमें ईश्वरके चरणोंमें कृतज्ञता व्यक्त करें !
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कालीमाताको अपमानित करनेवाले फ्लेक्स फलक को
उतारते हुए रवितेजा युवक संघके कार्यकर्ता
इंदूर (आंध्रप्रदेश) – केंद्रशासनद्वारा आंध्रप्रदेशका विभाजन कर १८ फरवरीके दिन स्वतंत्र तेलंगाना राज्यकी स्थापना किए जानेके उपरांत संपूर्ण तेलंगाना राज्यमें वृहत स्तरपर हर्षोल्लास मनाया गया । उस समय वहांके रवितेजा युवक संघने पोचम्मा देवालयकी दीवारपर एक फ्लेक्स लगाया था, जिसमें सोनिया गांधीको दशभुजा कालीमाताके रूपमें प्रदर्शित किया गया था । उनके प्रत्येक हाथमें अलग–अलग प्रकारके शस्त्र थे एवं गलेमें सीमांध्रके सर्व लोकसभा प्रतिनिधियोंके मुंडोंका हार पहनाया था, उसी प्रकार सोनिया गांधीके पैरों तले आंध्रप्रदेशके तत्कालीन मुख्यमंत्री किरणकुमार रेड्डीको रौंदते हुए दिखाया था ।
हिंदूजनजागृति समितिद्वारा इस फलकके माध्यमसे कालीमाताके होनेवाले अपमान विषयक प्रबोधन करनेके उपरांत ये फलक निकाले गए ।
१. यह बात ध्यानमें आनेपर कि कालीमाताका अपमान हो रहा है, एक धर्माभिमानीने इस संबंधमें हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताको सूचित किया ।
२. तदुपरांत संध्याकाल होनेपर इंदूरके जिला संयोजक श्री नेला तुकारामजीद्वारा वहां जाकर इसके संबंधमें पूछताछ करनेपर उन्हें यह ध्यानमें आया कि यह कृत्य रवितेजा युवक संघद्वारा किया गया है ।
३. जब श्री तुकारामजीने युवक संघके कार्यकर्तासे इसके संबंधमें पूछा, तो उसने बताया कि अनेक लोगोंने तेलंगानाके लिए अपने प्राणोंकी आहुति दी है, उसी प्रकार अनेक लोगोंका विरोध होते हुए भी सोनिया गांधीने विरोधियोंको दुर्लक्षकर ६० वर्षोंसे प्रलंबित हमारी मांग पूरी की है, हमारा ऐसा भाव होनेके कारण ही हमने उन्हें देवीके रूपमें प्रदर्शित किया है ।
४. श्री तुकारामजीने उनका प्रबोधन करते हुए, ऐसा करनेसे देवताका अपमान कैसे होता है, यह विशद किया । इसपर युवक संघके कार्यकर्ताने उन्हें दूसरे दिन मिलनेके लिए बुलाया ।
५. तदनुरूप दूसरे दिन जब समितिके कार्यकर्ता एवं कुछ स्थानीय धर्माभिमानी उन्हें मिलनेके लिए गए तो वहांपर उपस्थित उनके प्रमुखका भी प्रबोधन किया गया । इसके उपरांत वह आपत्तिजनक फ्लेक्स त्वरित निकाला गया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात