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धर्मपरिवर्तित अहिंदुओंके ऐच्छिक शुदि्धकरणहेतु सनातन संस्थाके ‘सनातन हिंदु धर्मदीक्षा केंद्र

फाल्गुन शुक्ल पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११५

फोंडा (गोवा) – धर्मपरिवर्तित हिंदुओंको हिंदु धर्ममें ऐच्छिक पुर्नप्रवेश देने हेतु एवं विदेशी अहिंदुओंका ऐच्छिक हिंदुकरण करने हेतु ‘सनातन संस्था’द्वारा बुधवार, ५ मार्चको ‘सनातन हिंदु धर्मदीक्षा केंद्र’की स्थापना की गई । इसके प्रथम समारोहके अवसरपर एक धर्मपरिवर्तित व्यक्तीका शुद्धिकरण संपन्न हुआ । सनातनके धर्मरक्षाके कार्यकी यह एक ऐतिहासिक सीढी है तथा इसके माध्यमसे धर्मपरिवर्तित व्यक्तियोंके शुद्धिकरण आंदोलनकी नींव रखी गई ।
आरंभमें धर्मपरिवर्तित व्यक्तिद्वारा हिंदु धर्ममें प्रवेश करनेकी अनुमति देनेके विषयमें उपस्थित ब्रह्मवृंदको प्रार्थना की गई तथा ‘कृच्छ्रत्रय’ प्रायश्चित्तका संकल्प कर द्रव्यके माध्यमसे प्रायश्चित्त लिया गया । तत्पश्चात मुंडनसंस्कार एवं क्षौर विधि संपन्न कर पंचगव्य प्राशन किया गया । इस अवसरपर गणपतिपूजन, पुण्याहवाचन एवं अभिषेक किया गया तथा धर्मपरिवर्तित व्यक्तिका नामकरण विधि संपन्न हुआ । अंततः शुदि्धहोम होकर सनातन धर्मदीक्षा केंद्रके माध्यमसे प्रथम धर्मपरिवर्तित व्यक्तिका सनातन हिंदु धर्ममें प्रवेश हुआ । इस अवसरपर विधिका पौरोहित्य सनातन साधक-पुरोहित विद्यालयके पुरोहितोंने किया ।
हिंदु धर्म स्वीकारनेकी इच्छा रखनेवाले अनेक विदेशस्थ अहिंदुओंका हिंदुकरण करनेके साथ ही हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन रोकने एवं हिंदु धर्मका प्रसार करनेके उद्देश्यसे इस केंद्रकी स्थापना की गई है ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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