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बमविस्फोट कर निरपराध जनता की हत्या करना, लव्ह-जिहाद के षडयंत्र से हिन्दू युवतीयाेंका जीवन उद्ध्वस्त करना आदि बातें इस्लामविरोधी है, एेसे फतवे दारूल उलूम क्यो नहीं निकालती ?
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देशमें मुसलमानोंके फतवे चलते है, किंतु हिन्दुत्ववादी संघटनाआें ने धर्म एवं संस्कृती के रक्षण हेतु हिन्दुआें को कुछ सूचना दिए गए तो तत्काल तथाकथित निधर्मीवादी बवाल खडा करते है । दारूल उलूम के इस फतवे पर निधर्मीवादीयोंका क्या कहना है ? – हिन्दूजागृति
दारूल उलूम देवबंद ने एक नया फतवा जारी किया है | उसने अपने इस फतवे में कहा है कि दाढी काटना या दाढी न बढाना दोनों गैर इस्लामी है | दाढी बनवाने को गैर इस्लामी करार देने का फतवा जारी कर दारुल उलूम देवबंद के फतवे ने मुस्लिम समुदाय के हज्जामों और उन लोगों को मुश्किल में दाल दिया है जो दाढी कटवाते है | इस फतवे को लेकर खुद मुस्लिम समुदाय में बहस शुरू हो गई है |
दरअसल दारूम उलूम देवबंद ने यह फतवा देवबंद के बदजिया उल हक इलाके में एक सैलून चलाने वाले मोहम्मद इरशाद और मोहम्मद फुरकान के एक सवाल के जवाब में जारी किया गया | संस्थान इसी इलाके में स्थित है |फतवा जारी होने के बाद इन दोनों हज्जामों ने यह तय किया है कि वे न तो किसी की दाढी बनाएंगे और न ही किसी की दाढी काटेंगे | फतवा जारी करने वाले दारूल इफ्ता विभाग ने इस फतवे में कहा है कि दाढी बनाना या उसे छांटना शरिया कानून के खिलाफ है और इसलिए ऐसा करना गैर इस्लामी है |
मौलवियों का कहना है कि इस्लामी कानून किसी भी धर्म के व्यक्ति की दाढी बनाने या काटने की इजाजत नहीं देता है | फतवे में कहा गया है कि अगर कोई इस पेशे में है तो उसे दूसरे काम की तलाश करनी चाहिए | इस फतवे ने दाढी नहीं रखने वाले मुसलमानों और मुसलमान हज्जामों को मुश्किल में डाल दिया है | फतवे का पालन करते हुए आसपास के इलाकों के नाइयों ने दाढी बनाने का काम बंद कर दिया है और अपनी दुकानों के दरवाजे पर फतवे की कॉपी लगा दी है |
स्त्रोत : क्रांतिदूत