रांची – झारखंड के देवघर शिव मंदिर में सोमवार सुबह भगदड़ के चलते ११ कावडियों की मौत हो गई और ५० से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए। सावन का दूसरा सो मवार होने के कारण मंदिर में काफी भीड़ थी और कावडिए भी बड़ी संख्या में जल चढ़ाने के लिए आए हुए थे। हादसा सुबह करीब पौने छह बजे हुआ।
डेढ लाख लोग दर्शन के लिए आए
देवघर के डिप्टी कमिश्नर अमित कुमार ने बताया कि कावडिए जलाभिषेक के लिए लाइन में लगे हुए थे। इसी दौरान आगे जाने की होड़ में मंदिर से करीब तीन कि लोमीटर दूर भगदड़ मच गई। 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। करीब डेढ़ लाख लोग दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे और लगभग 10 किलोमीटर लंबी लाइन लगी थी।
सांसद ने उठाए अपनी सरकार पर सवाल
घटना के बाद देवघर से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड और केन्द्र सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहाकि कई बार बताया जा चुका है कि मंदिर में अव्यवस्था है। श्रृद्धालुओं की मूलभूत सुविधाओं के लिए फंड जारी नहीं किया जा रहा है। सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए।
लाठीचार्ज के बाद मची भगदड़
मंदिर में भगदड़ पुलिस लाठीचार्ज के बाद मची। जानकारी के अनुसार बैरिकेड खोलने पर भक्तों में दर्शन करने को लेकर अफरातफरी मच गई। इसके चलते पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिससे भगदड़ हो गई। बताया जा रहा है कि वीआईपी दर्शन के चलते सामान्य श्रद्धालुओं को बैरिकेड से रोका गया था और हादसे के बाद भी वीआईपी दर्शन जारी रहे। इस मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
पहले भी हो चुके हैं हादसे
इस मंदिर में कई बार भगदड़ हो चुकी है। पिछले दिनों हुई भगदड़ में १२ लोग घायल हुए थे। इससे पहले 2012 में हुुई भगदड़ में नौ लोग मारे गए थे और उस समय भी हादसा अलसुबह ही हुआ था। यह मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिगों में से एक है।
स्त्रोत : पत्रिका