हिंदू जनजागृति समितिद्वारा किए गए विरोधका परिणाम !
चेन्नई, ९ मार्च – वादग्रस्त सिद्ध अली जे. नाटिकाका प्रयोग यहांके नाट्यगृहमें आयोजित किया गया था; किंतु हिंदुनिष्ठ संगठनोंद्वारा विरोध किया जाएगा, इस संभावनासे पुलिसने ही `एवम् ग्रुप’ नाट्य निर्माताको प्रयोग निरस्त करनेका सुझाव दिया । (चेन्नई पुलिसके इस निर्णयके कारण उनका अभिनंदन ! इस बातसे यह अपेक्षा कर सकते हैं कि अन्य स्थानोंकी पुलिस भी उनका अनुकरण करेगी ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
`एवम् ग्रुप’`के कार्तिक कुमारने पुलिसके इस कृत्यपर दुःख व्यक्त किया । उन्होंने बताया कि बेंगलुरूमें भी हिंदुनिष्ठ संगठनोंने इस नाटिकाके प्रयोगका विरोध किया था; किंतु पुलिस सुरक्षामें नाटिकाका प्रयोग संपन्न हुआ । पुलिसका यह कृत्य घटनाद्वारा प्राप्त विचारस्वतंत्रताका गला घोंटना है । (इस नाटिकामें भारतके विभाजनके लिए उत्तरदायी मोहम्मद अली जीनाको महत्त्व दिया गया है । राष्ट्रप्रेमी ऐसी नाटिकाका विरोध करेंगे ही । इतना ही नहीं, अपितु पुलिसको स्वयं ही ऐसी नाटिकाओंकी अनुमति अस्वीकार करनी चाहिए । कार्तिक कुमारको विचारस्वतंत्रताका जितना महत्त्व प्रतीत होता है, उससे कहीं अधिक महत्त्व बहुसंख्यक हिंदुओंकी राष्ट्रीय एवं धार्मिक भावनाओंका है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
हिंदू जनजागृति समितिद्वारा पुलिसको निवेदन
उपर्युक्त विषयमें अली जे. नाटिकाके प्रयोगपर पाबंदी डालने हेतु हिंदू जनजागृति समितिने ८ फरवरीको चेन्नई पुलिस सहआयुक्तको निवेदन प्रस्तुत किया था ।
इस निवेदनकी प्रति संबंधित पुलिस थाने, चुनाव आयुक्त एवं महानगरपालिका आयुक्तोंको भी दी गई । उस समय समितिकी श्रीमती उमा आनंदन्, श्री. राधाकृष्णन् तथा ७ धर्माभिमानी उपस्थित थे । समितिके कार्यकर्ताओंने पुलिसको इस बातकी जानकारी भी दी कि हिंदू जनजागृति समितिद्वारा मुंबईमें आयोजित इस प्रयोगका विरोध होनेके कारण काला घोडा महोत्सवमें नाटिकाका प्रयोग निरस्त करनेके लिए बाध्य किया गया था । साथ ही जब चेन्नईकी हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंके पास इस संदर्भमें पूछताछ की, तो कार्यकर्ताओंने यह भी सूचित किया कि वैध मार्गसे नाटिकाका विरोध किया जाएगा । अतः पुलिस सहआयुक्तोंने यह आश्वासन दिया कि इस नाटिकाका प्रयोग निरस्त किया जाएगा ।
चेन्नई पुलिसद्वारा हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकत्र्रीकी पूछताछ
वादग्रस्त अली जे. नाटिकाके विरोधमें पुलिस सहआयुक्तोंको निवेदन प्रस्तुत करनेके पश्चात निरीक्षकने दूरभाषपर समितिके कार्यकत्र्रीकी पूछताछ की । उसने उसका नाम तथा पुलिस थानेका नाम बताकर पूछताछ की ।
उन दोंनोंमें इस प्रकार संभाषण हुआ…..
पुलिस : नमस्कार, पारपत्रके (पासपोर्ट) संबंधमें अधिक जानकारी प्राप्त करने हेतु मैं आपके घर आया था; किंतु आप घरमें नहीं थीं ।
कार्यकर्ती : आप किस पतेपर आए थे ? (उन्होंने पता बताया) पता अनुचित था ।
पुलिस : आपने अली जे. नाटिकाके विरोधमें परिवाद प्रविष्ट किया है । उस संदर्भमें आप निश्चितरूपसे क्या कहना चाहती हैं ?
कार्यकर्ती : हमने पुलिसको दिए पत्रमें इस विषयकी पूरी जानकारी दी है । हमने स्वयं पुलिस सहआयुक्तोंसे भेंट की तथा उन्हें भी इस संदर्भमें पूरी सूचना दी । आपको आवश्यक सूचना पुलिस थानेमें उपलब्ध है ।
यह सुननेके पश्चात उसने दूरभाष बंद किया । (सर्व सूचना प्राप्त होते हुए भी इस प्रकारसे पूछताछ कर राष्ट्रप्रेमी एवं धर्मप्रेमियोंका एवं स्वयंका समय तथा धन निरर्थक व्यय करनेवाली पुलिसने यदि जिहादी आतंकवादियोंकी इस प्रकार पूछताछ की होती, तो अभीतक जिहादी आतंकवाद नष्ट हुआ होता ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात