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ईसाई धर्म छोड हिंदु धर्म स्वीकारके एवं हिंदु धर्मके लिए संघर्ष करनेवाले कन्याकुमारीके श्री जॉन

फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११५

हिंदू धर्मका महत्त्व समझनेके उपरांत ईसाई धर्मसे हिंदु धर्ममें धर्मांतर करनेवाले एवं हिंदु धर्मके लिए संघर्ष करनेवाले कन्याकुमारीके श्री जॉन्सन !


श्री जॉन्सन कन्याकुमारी (केरल)के एक कट्टर हिंदु धर्माभिमानी हैं । पूर्वमें वे भारतीय सेनामें कार्यरत थे । कुंभमेलेमें अनेक संतोंसे उनकी भेंट हुई । उन्होंने बायबल और ‘श्रीमद्भगवतगीता’का गहन अध्ययन किया । हिंदु धर्मकी महत्ता समझमें आनेपर उन्होंने हिंदु धर्ममें प्रवेश किया । अब वे बायबलकी त्रुटियोंपर प्रकाश डालते हैं एवं  श्रीमद्भगवद्गीताकी महत्ता बतलाते हैं ।

ईसाई मिशनरियोंको सम्मेलन निरस्त करनेके लिए बाध्य करनेवाले श्री जॉन्सन

श्री जॉन्सनने कन्याकुमारी निवासके समयमें घटित एक बात बतलाई । ईसाई मिशनरियोंने कन्याकुमारीके समीपवर्ती एक ग्राममें धर्मांतर करने हेतु एक सम्मेलन आयोजित किया था ।       श्री. जॉन्सन अन्य २० धर्माभिमानियोंके साथ जब पुलिस थानेमें शिकायत पंजीकृत कराने गए तो पुलिसने उन्हें आश्वासन दिया कि उपरोक्त उल्लेखित सम्मेलनको वे अनुमति नहीं देंगे । इसके पश्चात भी मिशनरियोंने ग्राममें भित्तिपत्रक लगाने, व्यासपीठका निर्माण करने जैसे कार्य जारी रखे । इन मिशनरियोंने श्री जॉन्सनको बतलाया कि जब तक पुलिस कार्यको अवरुद्ध नहीं करती तब तक कार्य चलते रहेंगे ।  
       
श्री जॉन्सन एवं अन्य धर्माभिमानियोंने पुलिससे पुन: संपर्क किया और स्पष्टतासे सूचित किया, हम अपना प्राणार्पण कर देंगे; किन्तु सम्मेलन नहीं होने देंगे । तदुपरांत कुछ मिशनरियोंने श्री जॉन्सनसे भेंटकर यह आश्वासन दिया कि वे सम्मेलनमें आपत्तिजनक संबोधन नहीं करेंगे एवं प्रार्थना की कि यह सम्मेलन होने दिया जाय । उसके उपरांत श्री. जॉन्सन ने मिशनरियोंसे बायबलके संबंधमें कुछ प्रश्न पूछे जिनके उत्तर मिशनरियोंके पास नहीं थे, जिसके फलस्वरूप सम्मेलन निरस्त किया गया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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