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नेपाल की विराट धर्मसभा में उपस्थित ३० सहस्त्र हिन्दुओंद्वारा की गई हिन्दू राष्ट्र की मांग !

नेपाल की विराट धर्मसभा

व्यासपीठ पर उपस्थित मान्यवर

काठमांडु : नेपाल की नियोजित घटना में नेपाल को हिन्दू राष्ट्र घोषित करें, इस मांग के लिए ७ अगस्त के दिन यहां के खुलामंच मैदान में हिन्दुओंकी ऐतिहासिक विराट धर्मसभा आयोजित की गई थी। उस धर्मसभा के लिए हिन्दू संत, विचारवंत, हिन्दूत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओंके साथ ३० सहस्त्र से अधिक हिन्दुओंकी उपस्थिती ने गत अनेक वर्षोंका भीड का उच्चांक तोड दिया।

उपस्थित धर्माभिमानी हिन्दू

सभा के लिए संबोधित करते हुए हिन्दूत्वनिष्ठ वक्ताओंने बताया कि, जिस देश में बहुसंख्य हिन्दू निवास करते हैं, उस नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र कहा जाने के कारण हिन्दुओंकी भावना आहत होती हैं। हमें वास्तव में हिन्दू राष्ट्र की चाहिए। जिस देश में हिन्दुओंका बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन किया जाता है, ऐसे राष्ट्र रचना की हमें आवश्यकता नहीं है। सर्व हिन्दुओंको इकट्ठा होकर नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाने का रचाया गया षडयंत्र विफल करना चाहिए।

ईसाईयोंद्वारा होनेवाला धर्मपरिवर्तन तथा मुसलमानोंद्वारा किए जानेवाले आक्रमणोंके विरुद्ध इस सभा में वक्ताओंद्वारा तीव्र भावना व्यक्त की गई। इस के अतिरिक्त गोहत्या बंदी, हिन्दू साम्राज्यपद्धति, संस्कृत भाषा, वैदिक संस्कृति की रक्षा इन मांगोपर भी सभा में अधिक ध्यान दिया गया। इस सभा में संयुक्त सनातन मोर्चा, नेपाल हिन्दू राष्ट्र अभियान, हिन्दू धर्म महासभा नेपाल के साथ अनेक हिन्दूत्वनिष्ठ संगठनाएं सम्मिलित हुई थी।

हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा पुष्टि !

प.पू. स्वामी कमलनयनाचार्यद्वारा नेपाल को हिन्दू राष्ट्र निर्माण करने के लिए आंदोलन आरंभ किया गया था। हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे ने उन्हें पत्र भेज कर नेपाल को हिन्दू राष्ट्र घोषित करें, इस मांग के लिए पुष्टि प्रदर्शित की। साथ ही उस पत्र में यह भी प्रस्तुत किया है कि, हिन्दू जनजागृति समिति पहले से ही इस मांग के लिए पुष्टि दे रही है तथा भविष्य में भी देगी, साथ ही हिन्दू राष्ट्र की मांग के लिए किसी भी प्रकार के आंदोलन में समिति हिन्दुओं का साथ देगी।
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पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेद्वारा लिखे गए पत्र देखने के लिए यहां क्लिक करें
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स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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