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धार्मिक भावनाएं आहत करने पर न्यायालय ने की महेंद्रसिंह धोनी की आलोचना

इस समाचर से हिंदूआें के मन में प्रश्‍न उठ सकता है की ऐसा कुछ अन्य पंथीयों के आस्थास्थान के विषय में करने का साहस क्या कभी कोई कर सकेगा ? – हिन्दूजागृति

बेंगलुरु – हिंदुओं के भगवान की कथित रूप से निंदा करने के मामले की सुनवाई के दौरान कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय क्रिकेट टेस्ट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की आलोचना की है। यह अर्जी सामाजिक कार्यकर्ता जयकुमार हीरेमथ ने दायर की है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि लगता है सेलेब्रिटी परिणाम पर बिना विचार किए सिर्फ धन की चाहत में विज्ञापन का करार कर रहे हैं।

जस्टिस एएन वेणुगोपाल गौड़ा ने मौखिक टिप्पणी में कहा, ‘एक सेलेब्रिटी और धोनी जैसे किसी क्रिकेटर को यह पता होना चाहिए कि जनता की धार्मिक भावनाएं आहत करने के क्या परिणाम होते हैं। उन्हें ऐसे विज्ञापनों में काम करने के परिणामों से भी परिचित होना चाहिए।’

जयकुमार ने याचिका में आरोप लगाया है कि एक कारोबारी पत्रिका के मुख पृष्ठ पर धोनी भगवान विष्णु के रूप में दिख रहे हैं। इसमें वह अपने हाथों में कई चीजों के अलावा जूते भी लिए हैं।

सुनवाई के दौरान जस्टिस गौड़ा ने कहा कि सेलेब्रिटी सिर्फ धन की चाहत में बिना सोचे-विचारे और बगैर जिम्मेदारी विज्ञापन करार कर रहे हैं। उनका उद्देश्य आसानी से धन कमाना है। वे यह विचार नहीं करते हैं कि इससे समस्या खड़ी होगी।

धोनी की ओर से पेश अधिवक्ता ने बचाव में कहा कि उनके मुवक्किल ने कोई धन नहीं लिया है। इस पर जस्टिस गौड़ा ने यही बात शपथपत्र पर लिखकर पेश करने का आदेश दिया। इसके बाद मामले की सुनवाई १७ अगस्त तक स्थगित कर दी।

स्त्रोत : जागरण

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