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संतापजनक : वाई. एस.आर.कांग्रेस प्रमुख ईसाई धर्मीय जगनमोहन रेड्डीका चप्पल पहनकर तिरुपति मंदिरमें

फाल्गुन शुक्ल पक्ष मी, कलियुग वर्ष ५११५

मंदिरमें चप्पलें पहनकर उसकी पवित्रता भंग करनेवाले धर्मांध ईसाई शासनकर्ता !
हिंदुओ, क्या मस्जिद या दर्गामें कोई भी राजनैतिक पक्षप्रमुख चप्पलें पहनकर जानेका साहस कर सकता है ?

 तिरुपति (आंध्रप्रदेश) – 'वाई. एस.आर. कांग्रेस' प्रमुख 'वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी'द्वारा २ मार्चको चप्पलें पहनकर विश्वप्रसिद्ध 'तिरुपति मंदिर'में प्रवेश करनेकी बात सामने आई है । इस समय उनके ३०० से अधिक समर्थक भी मंदिरमें घुस गए । इस कारण हिंदुओंमें तीव्र प्रतिक्रिया प्रकट हो रही है । इस घटनाके पश्चात आंध्रप्रदेशके 'राज्यपाल नरसिंह'ने त्वरित घटनाकी पूछताछ कर संबंधित व्यक्तियोंके विरुद्ध कार्यवाही करनेका आदेश दिया है ।
१. नियमानुसार दर्शनोच्छुक व्यक्तिको पहचानपत्र दिखाना आवश्यक होता है; किंतु उन्होंने इस नियमका पालन नहीं किया ।
२. तथा अन्य धर्मियोंको तिरुपतिका दर्शन करनेसे पूर्व ‘हिंदु धर्मपर मेरी श्रद्धा है’, इस आशयका घोषणापत्र देना आवश्यक होता है; किंतु वैसा न कर वाई. एस. जगनमोहन रेड्डीको मंदिरमें प्रवेश दिया गया । (यदि प्रखर धर्माभिमानी देवस्थान मंडलपर होते, तो रेड्डीको मंदिरमें घुसने ही न देते ! मंदिरका सरकारीकरण होनेके कारण ही शासनकर्ताओंद्वारा हिंदुओंके मंदिरकी पवित्रता भ्रष्ट की जा रही है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
३. २०१२ में भी जगनमोहन रेड्डीने इसी प्रकार घोषणापत्र न देकर मंदिरमें घुसकर दर्शन किया था । (रेड्डी कट्टर ईसाई होनेके कारण वे, ‘मेरी हिंदु धर्मपर श्रद्धा है’, ऐसा घोषणापत्र देनेमें टालमटोल करते हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
४. तथा देवस्थानके अधिकारियोंने जगनमोहन रेड्डीके आनेसे पूर्व पंक्तिमें खडे श्रद्धालुओंको रोककर रखा तथा जगनमोहन रेड्डी एवं उनके समर्थकोंको मंदिरमें प्राथमिकतासे प्रवेश दिया । (मंदिरके सरकारीकरणका दुष्परिणाम जानें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
५. मंदिरमें शनिवार, रविवार तथा सोमवारको प्रात: साढे छह बजे विशेष नैवेद्य पूजा एवं आरती होती है । जगनमोहन रेड्डी मंदिर आनेवाले थे, अत: यह पूजा भोर ५ बजे की गई । ऐसा करनेसे अनेक वर्षां की परंपरा खंडित हो गई ।
६. रेड्डीके आगमनपर राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री हेतु किए जानेवाले शिष्टाचारोंका पालन किया गया । (हिंदुओ, भगवानके दरबारमें शासनकर्ताओंको विशेष सुविधाएं उपलब्ध करानेवाली देवस्थान समितिको वैध पद्धतिसे फटकारें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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