फाल्गुन शुक्ल पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदुओ, धर्मांधोंके ‘लव जिहाद’का संकट पहचानकर उसके विरुद्ध ऐसे ही संगठित होकर लढें !
हिंदु विवाहिताको उसके बच्चेके साथ लव जिहादके चंगुलसे मुक्त करनेवाले यमगर्णी (बेलगांव)के हिंदु धर्माभिमानियोंका अभिनंदन !
१. विवाहिताके पतिका व्यवसाय था । तौसीफ वहां एक कार्यकर्ता था । कार्य करते समय अपने मालिकके घरपर उसका आना-जाना रहता था । इसीका अपलाभ उठाकर उसने महिलाको झूठे प्रेमजालमें फांस लिया ।
२. २३ फरवरीको दोपहर २ बजे तौसीफने दोनोंका अपहरण कर उन्हें धारवाड (कर्नाटक)स्थित एक होटलमें रखा ।
३. आरंभमें इस घटनाके संदर्भमें उस महिलाके पतिको पुलिस थानेमें परिवाद प्रविष्ट करने का साहस नहीं हो रहा था । दो दिन पश्चात हिंदुत्ववादियोंके साहस बंधानेपर वे पुलिस थानेमें परिवाद प्रविष्ट करनेको सिद्ध हो गए ।
४. निपाणी (जिला बेलगांव)के बसवेश्वर पुलिस थाना (ग्रामीण क्षेत्र )स्थित थाना अंमलदार खोतने अपहरणका परिवाद प्रविष्ट न कर प्रथम पत्नी खो जानेका साधारण परिवाद प्रविष्ट कर तौसीफके विरुद्ध अपहरणका अपराध प्रविष्ट करनेमें टालमटोल की । तथा इस परिवादकी प्रति देने हेतु भी उस महिलाके पतिको ६ घंटे लटकाया ।
५. २६ फरवरीको हिंदुत्ववादियोंने बैठक आयोजित कर हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंकी सूचनानुसार गांवके धर्मांधोंको समझाया । बैठकमें तौसीफके विरुद्ध तीव्र आंदोलन छेडनेकी चेतावनी दी गई ।
६. इस कारण तौसीफके संपर्कमें रहनेवाले एक धर्मांधने उसे संदेश दिया । (इससे यह बात स्पष्ट है कि प्रत्येक कुकृत्यमें भी धर्मांध एक-दूसरेका समर्थन करते हैं, । कितने हिंदु इस प्रकार स्वधर्मियोंके उचित कृत्यमें भी एक-दूसरेका समर्थन करते हैं ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
७. ३ मार्चको तौसीफ उस महिला एवं बच्चाको लेकर पुलिस थाना आया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात