नई दिल्ली – पाकिस्तान की ओर से आतंकी घुसपैठ की लगातार कोशिशों को देखते हुए सीमा पर लगाई गई बाड को और मजबूत किया जा रहा है। इसके तहत बाड में इस्तेमाल किए जा रहे कंटीले तारों और खंभों को मजबूत तार व खंबे से बदला जा रहा है। इसके अलावा जिन इलाकों में अब तक बाड़ या मोशन सेंसर नहीं लगे हैं, उनमें इसे लगाने का काम भी शुरू किया जा रहा है।
सीमा सुरक्षा पर हुई केंद्र सरकार की एक ताजा बैठक में बाड़ को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें तय किया गया कि यह काम वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) के उन इलाकों से शुरू किया जाएगा जो सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं। इन इलाकों में अभी दोहरी पंक्ति में खंबे की मदद से कंटीले तार लगाए गए हैं। साथ ही इन दोनों पंक्तियों के बीच गोलाई में तारों का गोला भी बनाया जाता है। नई व्यवस्था में तार बनाने के लिए बेहतर धातु का इस्तेमाल किया गया है।
इसलिए इन्हें काटना ज्यादा मुश्किल है। इसी तरह मौसम की मार की वजह से ये जल्दी खराब भी नहीं होते। इसी तरह खंभों को भी मौसम के नुकसान से बचाने के लिए इनमें बदलाव किया गया है। बताया जा रहा है कि मौजूदा बाड़ के मुकाबले यह दोगुनी सुरक्षित होगी। उम्मीद की जा रही है कि अगले चार साल में यह काम पूरा कर लिया जाएगा। इसी तरह जिन इलाकों में अभी बाड़ नहीं है, वहां इसे जल्द-से-जल्द लगाया जाएगा।
बाड़ के साथ लगाए जाने वाले मोशन सेंसर की उपलब्धता की भी समीक्षा की गई है। साथ ही निकट के कंट्रोल रूम में होने वाली इसकी निगरानी की व्यवस्था को बेहतर करने को कहा गया है। पिछले दिनों ऊधमपुर हमले के बाद पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी नावेद ने भी पूछताछ में बताया है कि वह सीमा पर लगी बाड़ को काटा कर घुसा है।
स्त्रोत : जागरण