फाल्गुन शुक्ल पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदू जनजागृति समितिके प्रबोधनका परिणाम !
हिंदुओ, इस सफलताके लिए श्रीकृष्णके चरणोंमें कृतज्ञता व्यक्त करें !
मुंबई – 'कोना इंडस्ट्रीज' विद्युत उत्पादके आस्थापनद्वारा बल्बके बक्सेके आच्छादनपर ॐ, गणपति, श्रीकृष्ण, साईबाबाके छायाचित्र मुदि्रत किए जाते थे । यह बात 'हिंदू जनजागृति समिति'के मुंबई, ठाणे तथा रायगढ जनपद समन्वयक श्री. शिवाजी वटकरके ध्यानमें आते ही उन्होंने उसे रोकने हेतु आस्थापनको प्रवृत्त किया । (हिंदुओ, यह बात ध्यानमें रखें कि आपके श्रद्धास्थानोंकी रक्षा हेतु हिंदू जनजागृति समिति निरंतर ही प्रथम पंक्तिमें रहती है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. यह बल्ब विक्रय करनेके पश्चात श्री. वटकरको उत्पादके आच्छादनके माध्यमसे हिंदु देवताओंका अनादर होनेकी बात ध्यानमें आई, इसलिए उन्होंने त्वरित आस्थापनको पत्र भेजा । उसमें यह विषद किया कि उपयोगके पश्चात यह बक्सा कूडेमें जानेके कारण देवताओंका अनादर होता है । इसके माध्यमसे हिंदुओंकी भावना आहत करनेका अपराध हो सकता है । साथ ही आस्थापनके व्यवसायपर भी इसका विपरीत परिणाम हो सकता है ।
२. पत्र प्राप्त होते ही आस्थापनके व्यवस्थापकीय संचालक श्री. प्रकाश मोटवानीने श्री. शिवाजी वटकरको दूरभाष कर समितिके कार्यकी प्रंशसा की तथा भेंट करने हेतु निमंति्रत किया । (हिंदू जनजागृति समितिके पत्रकी ओर ध्यान देकर त्वरित संपर्क कर अपनी चूक स्वीकार करनेवाले श्री. प्रकाश मोटवानीका अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
३. इस अनादरके संदर्भमें आस्थापनने पत्रद्वारा क्षमायाचना कर प्रबोधन करनेके कारण आभार भी व्यक्त किए । साथ ही यह आश्वासन भी दिया कि भविष्यमें बल्बके आच्छादनोंपर देवता एवं धार्मिक चिह्नोंका उपयोग नहीं किया जाएगा ।
श्री. वटकरद्वारा किया गया प्रबोधन एवं हिंदू जनजागृति समितिके कार्यसे प्रभावित होकर श्री. मोटवानीने धर्मकार्यमें सहयोग देने हेतु हिंदी मासिक सनातन प्रभातके १०० वर्गणीदार बनानेकी सिद्धता प्रदर्शित की ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात