फाल्गुन शुक्ल पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११५
आतंकवादी अभिभावकोंसे नहीं, अपितु उन्हें ऐसे विचारोंके कुसंस्कार करनेवाली उनके धर्मकी बातोंसे दूर रखनेकी आवश्यकता है !
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जिहादी आतंकवादसे ब्रिटेनको भारतकी अपेक्षा अत्यधिक न्यून कष्ट हो रहे हैं । तब भी वे इसपर त्वरित उपाययोजना करने हेतु प्रयास करते हैं; परंतु भारत इन आतंकवादियोंके कारण असुरक्षित देश बन गया है, तो भी भारतीय राजनेता इस्लामी आतंकवाद शब्दका भी उच्चारण करने सिद्ध नहीं है !
लंडन : लंडनके महापौर बोरीस जॉन्सनने आतंकवादी मुसलमानोंके लडकोंपर बुरे संस्कार न होने हेतु उन्हें अभिभावकोंसे अलग रखनेकी सूचना की है । मे २०१३ में दो मुसलमान आतंकवादियोंद्वारा अफगाणिस्तानके मुस्लिमोंकी हत्याके निषेधार्थ लंदनके महामार्गपर ब्रिटिश सैनिक ‘ली रिग्बी’ की हत्या की गई थी । इस हत्याके उपरांत ब्रिटेनमें मुसलमान नागरिकोंपर आक्रमण करनेकी मात्रा बढ गई है एवं वर्ष २०१३ में ऐसे ५०० से अधिक आक्रमण पुलिसमें प्रविष्ट है । महापौरद्वारा भय व्यक्त किया गया है जिन मुसलमानोंद्वारा ‘ली रिग्बी’ की हत्या की गई़, उन्होंने व्यक्त किए अतिरेकी विचारोंका बच्चोंके संवेदनशील मनपर परिणाम होकर वे भी भविष्यमें आतंकवादी बनेंगे ।
महापौरके इस वक्तव्यसे ब्रिटेनके मुस्लिमोंमें संतप्त प्रतिक्रियाएं उभरी हैं तथा मुस्लिम संगठनोंने सामाजिक सद्भावनापर इसका परिणाम होनेकी चिंता व्यक्त की है ।
(मुसलमान कबसे सामाजिक सद्भावनाका विचार करने लगें ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात