पुलिस का दावा – २६ जनवरी से जेड प्लस सुरक्षा ले रहे केजरीवाल, ‘आप’ का इनकार !

फाल्गुन शुक्ल पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११५


नई दिल्ली– वीआईपी सिक्युरिटी लेने से इनकार करते रहे आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आखिरकार जेड प्लस सुरक्षा ले ली है। गृह मंत्रालय की सलाह को मानते हुए केजरीवाल ने यह फैसला किया है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, केजरीवाल ने दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के कुछ ही दिन पहले 26 जनवरी को जेड प्लस सुरक्षा स्वीकार कर ली थी। हालांकि, केजरीवाल के मीडिया सलाहकार नागेंद्र शर्मा ने इस बात से इनकार किया है। उधर, दिल्ली पुलिस के कमिश्नर (सुरक्षा) जेके शर्मा ने इस बात की पुष्टि की है कि केजरीवाल ने जेड प्लस सुरक्षा स्वीकार ली है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, अभी केजरीवाल के तिलक लेन स्थित आवास पर अस्थायी सिक्युरिटी की व्यवस्था की गई है।

तीन बार कर चुके हैं इनकार

अरविंद केजरीवाल तीन अलग-अलग मौकों पर दिल्ली पुलिस को जेड प्लस सिक्युरिटी लेने से इनकार कर चुके हैं। वह सर्वजनिक मंच से भी कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि उन्हें वीआईपी  सिक्युरिटी की कोई जरूरत नहीं है।   

जेड प्लस सिक्युरिटी

करीब 25 पुलिस कर्मी केजरीवाल की सुरक्षा में तैनात होंगे। जेड प्लस सिक्योरिटी की यह टीम उन्हें घर या इसके बाहर भी सुरक्षा देगी। यह टीम केजरीवाल को दिल्ली में सुरक्षा देने के लिए जिम्मेदार होगी। वहीं, यदि केजरीवाल दिल्ली के बाहर जाते हैं तो संबंधित राज्य की पुलिस यह जिम्मेदारी संभालेगी।

यह पहली बार नहीं है, जब अरविंद केजरीवाल के खिलाफ यू-टर्न की खबरें आ रही हों। इससे पहले भी मुख्‍यमंत्री कार्यकाल के दौरान केजरीवाल पर वादाखिलाफी के आरोप लगे हैं। जानिए, केजरीवाल के उन वादों के बारे में जिसमें उन्‍होंने यू-टर्न ले लिया था।

1. केजरीवाल व उनके मंत्रियों ने दिल्‍ली मेट्रो से शपथ-ग्रहण समारोह में रामलीला मैदान जाने के लिए सार्व‍जनिक वाहनों का इस्‍तेमाल किया था। उन्‍होंने कहा था कि वह सार्वजनिक परिवहन साधनों का प्रयोग करेंगे, लेकिन तीन दिन बाद ही मंत्रियों ने सरकारी गाड़ियां ले लीं। जब उनसे इस बारे में पूछा गया, तो उनका कहना था कि लालबत्ती लेने के लिए मना किया था सरकारी गाड़ी के लिए नहीं।
2. सरकार बनने के अगले ही दिन सचिवालय में मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया। मीडिया जगत में आलोचना होने लगी तो चार घंटे में ही सरकार ने यह निर्णय वापस ले लिया था। 
3. शपथ के दिन ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बोला था कि वह सुरक्षा नहीं लेंगे, लेकिन पहले अप्रत्यक्ष रूप से सुरक्षा ली और फिर प्रत्यक्ष रूप से उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उपलब्ध सुरक्षा ली थी।
4. केजरीवाल ने दिल्‍लीवालों की समस्‍याओं को सुनने के जनता दरबार लगाने की घोषणा की थी, लेकिन पहले जनता दरबार के दौरान मची अफरातफरी के बाद केजरीवाल ने जनता दरबार लगाने के फैसले को भी पलट दिया। साथ ही उन्‍होंने दिल्‍लीवासियों से अपील की कि वे उनके पास शिकायत लेकर न आएं। उन्‍होंने कहा था कि हेल्‍पलाइन और कॉल सेंटर बनाए जाएंगे, जिनके जरिए लोगों की समस्‍याएं सुनी जाएंगी।
5. सदन में टोपी पहन कर जाने का निर्णय भी सरकार के मंत्रियों व विधायकों ने बदल दिया था।
6. केजरीवाल ने सत्‍ता में आने से पहले 700 लीटर पानी नि:शुल्क देने का एलान किया था। केजरीवाल इस एलान को अमल में लेकर आए, लेकिन इसी के साथ 10 प्रतिशत पानी की दरें बढ़ा दीं गई थीं।
7. पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने जब बिजली पर सब्सिडी दी थी, तो केजरीवाल ने कहा था कि शीला दीक्षित ने सरकार को बिजली कंपनियों के हाथ गिरवी रख दिया है। ‘आप’ सत्ता में आई तो बिजली के दाम आधे कर देगी, लेकिन सत्ता में आते ही केजरीवाल ने भी शीला दीक्षित की तर्ज पर बिजली बिलों में सब्सिडी दे दी थी।
8. केजरीवाल ने दिल्‍ली सरकार के चार पुलिसकर्मियों को हटाने की मांग को लेकर रेल भवन के पास धरना शुरू किया था। उन्‍होंने कहा था कि यह धरना दस दिनों तक चलेगा, लेकिन दो दिन बाद ही धरना समाप्‍त कर दिया गया था। वहीं, पुलिसकर्मियों को हटाया नहीं गया बल्कि छुट्टी पर भेजा गया था।
9. केजरीवाल ने कहा था कि वह सत्‍ता में आए तो सरकारी मकान नहीं लेंगे। लेकिन भगवान दास रोड पर दस कमरों वाले दो डुप्लेक्स मकान को लेने पर काफी बवाल खड़ा हुआ था। हालांकि बाद में केजरीवाल ने उस मकान को लेने से इंकार कर दिया था और बाद में उन्‍होंने अन्‍य सरकार घर में शिफ्ट किया था। 
10. केजरीवाल ने सभी अस्‍थाई कर्मचारियों को स्‍थाई करने की बात भी कही थी। लेकिन इस मसले पर कोई फैसला नहीं लिया गया था। हालांकि इस मामले में मुख्‍यमंत्री पद छोड़ने से पहले वे एक समिति के गठन का एलान कर चुके थे। 

स्त्रोत : दैनिक भास्कर

Leave a Comment

Notice : The source URLs cited in the news/article might be only valid on the date the news/article was published. Most of them may become invalid from a day to a few months later. When a URL fails to work, you may go to the top level of the sources website and search for the news/article.

Disclaimer : The news/article published are collected from various sources and responsibility of news/article lies solely on the source itself. Hindu Janajagruti Samiti (HJS) or its website is not in anyway connected nor it is responsible for the news/article content presented here. ​Opinions expressed in this article are the authors personal opinions. Information, facts or opinions shared by the Author do not reflect the views of HJS and HJS is not responsible or liable for the same. The Author is responsible for accuracy, completeness, suitability and validity of any information in this article. ​