फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वादशी, कलियुग वर्ष ५११५
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मुंबई – यहांके राजभवनमें ७ मार्चको ‘फेथ फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित ‘मिशन कालाडी से केदार यात्रा’ के शुभागमनके अवसरपर बोलते हुए राज्यपाल के.शंकरनारायणन्ने कहा कि बिखरे समाजको संगठित करने हेतु आद्य शंकराचार्यजीने उनका जीवन समर्पित किया । साथ ही उन्होंने समाजको आध्यात्मिक दृष्टिसे संगठित करनेका ईश्वरीय कार्य भी किया; परंतु वर्तमान समयमें समाजको शंकराचार्यजीकी सीखका विस्मरण हो गया है । इसलिए देशमें एकता नहीं रह गई । इस पाश्र्वभूमिपर उत्तराखंडके आद्य शंकराचार्यजीके समाधिस्थलको पुनस्र्थापित करने हेतु निकले ‘कालाडी (आद्य शंकराचार्यजीका जन्मस्थल, केरल ) से केदार (आद्य शंकराचार्यजीका समाधिस्थल, उत्तराखंड ) यात्रा’ से समाजको संगठित करनेका कार्य किया जा रहा है । देशकी बिगडी स्थितिके कारण महाराष्ट्रके राज्यपाल के.शंकरनारायणने सभी जनता, शंकराचार्यजीके शिष्य तथा साधु-संतोंको देशहितके लिए संगठित होनेका आवाहन किया है । इस अवसरपर पारंपारिक वेश परिधान किए राज्यपालने महाराष्ट्रकी जनताकी ओरसे यात्राका सम्मानपूर्वक स्वागत किया । उन्होंने
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भावपूर्ण होकर ‘मृतिका कलश’में मिट्टी अर्पित की तथा वेदमंत्रपठनके साथ आद्य शंकराचार्यजीकी प्रतिमाको पुष्पमाला एवं फल अर्पण कर पूजा की । इस अवसरपर ‘फेथ फाउंडेशन’के अध्यक्ष एवं निवृत्त लेफ्टनंट कर्नल श्री अशोक किणी, यात्राके समन्वयक श्री. राघव चौधरी, सनातन संस्थाके प्रवक्ता श्री आनंद जाखोटिया तथा उज्जैनके श्री महाकालेश्वर मंदिरके पंडित उपस्थित थे ।
राज्यपाल के. शंकरनारायणन् ने कहा कि..
१. यदि समाजके २ प्रतिशत लोगोंने शंकराचार्यजीकृत कार्यकी जानकारी ली, तो भी सकारात्मक परिवर्तन हो सकता है ।
२. वर्तमानसमयके कठिन परिस्थितिमें शंकराचार्यजीके १०० प्रतिशत विचार लोगोंतक पहुंचने चाहिए ।
३. शंकराचार्यजीने किए ईश्वरीय कार्यकी आज समाजको पुनः एक बार आवश्यकता है, यह ध्यानमें लेकर प्रत्येकको कार्य करना चाहिए ।
४. देशके प्रत्येक लडकेको घर, विद्यालय एवं महाविद्यालयके माध्यमसे आध्यात्मिक तथा नैतिक मूल्योंकी शिक्षा देनी चाहिए ।
‘सनातन संस्था’द्वारा राज्यपाल महोदयको ‘नामसंकीर्तनयोग’ ग्रंथकी भेंट
इस अवसरपर ‘सनातन संस्था’के प्रवक्ता श्री. आनंद जाखोटियाने महाराष्ट्रके राज्यपाल के.शंकरनारायणनको सनातनद्वारा अंग्रेजी भाषामें प्रकाशित नाम ‘नामसंकीर्तनयोग’ ग्रंथ एवं हिंदी एवं अंग्रेजी भाषामें प्रकाशित मासिक ‘सनातन प्रभात’के अंक भेंटस्वरुप दिए । इस अवसरपर राज्यपाल के.शंकरनारायणनने शंकराचार्यजी एवं सनातन संस्थाके संस्थापक प.पू.आठवलेजीका छायाचित्र अत्यधिक समयतक न्याहारा एवं श्री.जाखोटियाने ‘सनातन संस्था’के कार्यके विषयमें संक्षेपमें जानकारी दी ।
क्षणिकाएं
राज्यपाल के. शंकरनारायणन केरलके नागरिक हैं । इसलिए इस यात्राके स्वागतके लिए उन्होंने स्वयं ध्यान केंदि्रत कर भावपूर्ण सिद्धता की थी ।
२. राज्यपालने ‘मिशन कालाडी से केदार’ यात्राके लिए स्वयं शुभकामनापत्र दिया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात