फाल्गुन शुक्ल पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदओ, आपके श्रद्धास्थानोंकी विडंबना रोकने हेतु क्रियाशील बनें !
बेंगलुरू (कर्नाटक) – ई-टीवी कन्नड वाहिनीद्वारा ८.३.२०१४ को रात १० बजे प्रसारित ‘कामेडी सर्कल’ कार्यक्रममें रामायणकी अश्लाघ्य विडंबना की गई । उसमें रामायणपर आधारित नाटक प्रस्तुत करने हेतु अभ्यास करते दिखाया गया है । उसमें श्रीराम, लक्ष्मण, सीता, शबरी आदिकी विडंबना की गई है तथा रावणको भी हास्यास्पद पद्धतिसे दिखाया गया है ।
नाटकके कुछ विडंबनात्मक प्रसंग
१. रावणके कंधेपर सीता सिर रख रही हैं तथा श्रीराम किसीपर तीर चला रहे हैं ।
२. मास्टर रामसे कहता है, `सीताको प्रिये, प्रियतमे’ ऐसा कहो । उसपर रावण कहता है, मैं उसका लवर हूं । वह उस प्रकार क्यों बुलाता है ? राम कहते हैं, यह नाटक है; उसपर सीता कहती हैं, उसे (रावणको ) गाली देकर बुलाया तो चप्पलसे मारुंगी ।
३. शबरी रामको खानेके लिए बेर न देकर गुदा खाया कटहल देती है । उस विषयमें कहती है कि राह देखकर थक जानेसे सारा गुदा खा गई ।
४. सीताको लेने हेतु रावणके आनेपर सीता सूटकेस लेकर आती हैं । इसका कारण देते हुए सीता कहती हैं मुझे किडनैप (अपहरण) कर अशोक वन रखनेपर ‘कॉस्ट्यूम चेंज’ (कपडे परिवर्तन ) करने चाहिए अथवा नहीं ? अत: किडनैप भी हुई तथा ‘कॉस्ट्यूम चेंज’ भी हुआ । इसपर लक्ष्मण मास्टरसे कहते हैं, रावणके पास सूटकेस दी, तो क्या लोग रावणको ‘ड्रायक्लीनर’ नहीं समझेंगे ? (यह पढकर जिसका रक्त जोश नहीं खाता, वह हिंदु ही नहीं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
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स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात