फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वादशी, कलियुग वर्ष ५११५
ठाणे– ‘भ्रष्टाचार एवं घोटालोंमें लिप्त कांग्रेस तथा राष्ट्रवादी कांग्रेसका प्रशासन सत्तामें है, जिसे २०१४ के चुनावमें पलटना ही सच्चा पुरुषार्थ है ! हिंदुत्व ही देशकी सही अस्मिता है तथा हिंदुओंका राजनैतिक नेतृत्व सिद्ध होना आवश्यक है । हिंदुओंकी संस्था तथा साधु-संतोंपर अत्याचार करनेवालोंको पाठ पढाएं ! देशमें राजनैतिक क्रांति लाएं’, हिंदु राष्ट्र सेनाध्यक्ष श्री. धनंजय देसाई ने ऐसा जबरदस्त आवाहन किया । लोकसभा चुनावकी पाश्र्वभूमिपर भारतीय विद्यार्थी सेना तथा युवा सेना कार्यकर्ताओंका ‘चला दिल्ली जिंकूया’ मेला ९ मार्चकी रात गडकरी रंगायतनमें आयोजित किया गया था । वे उस अवसरपर बोल रहे थे ।
इस अवसरपर शिवसेना ठाणे जिला संपर्कप्रमुख विधायक एकनाथ शिंदेने कहा, ‘नई मुंबईको स्वयंकी निजी संपत्ति समझनेवालोंको घर भेजना चाहिए । ठाणे लोकसभा मतदातासंघसे महायुतिके उम्मीदवार राजन विचारे विशाल मताधिक्यसे चुनकर आएंगे !' इस अवसरपर सर्वश्री राजन विचारे, विधायक प्रताप सरनाईक, महापौर हरिश्चंद्र पाटिल, युवा सेना सचिव पूर्वेश सरनाईक, नगरप्रमुख रमेश वैती, नितीन लांडगे, भूषण भानुशाली, कल्याण लोकसभा मतदातासंघके डा. श्रीकांत शिंदे, सभागृहनेता नरेश म्हस्के, केदार दिघे, सुनील पाटिल आदि उपस्थित थे ।
धनंजय देसाईने कहा …
१. केंद्रके नालायक प्रशासनके कारण हिंदुओंकी अस्मिता संकटमें आ गई है अत: हिंदुओंको चुनाव प्रक्रियामें प्रत्यक्ष सम्मिलित होनेकी आवश्यकता है ।
२. कांग्रेसके हाथमें सत्ता अर्थात राजनैतिक परतंत्रता है तथा कांग्रेसके मनहूस नेताओंसे देश स्वतंत्र करनेका अवसर लोकसभा चुनावके कारण प्राप्त हो रहा है ।
३. स्वयंको सम्राट कहलानेवाले अनेक लोग वर्तमानमें इधर-उधर घूम रहे हैं । किंतु शिवसेनाप्रमुख बाळासाहेब ठाकरे ही सच्चे हिंदुहृदयसम्राट है!
४. शरीरमें एक ही हृदय होता है । उसी प्रकार हिंदुत्वका भी एक ही हृदय है, वह है बाळासाहेब ठाकरे
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात