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मुंबईमें ५ वासनांध धर्मांधोंद्वारा दिन दहाडे रास्तेपर वस्त्र फाडकर एक युवतीका विनयभंग !

फाल्गुन शुक्ल पक्ष  त्रयोदशी , कलियुग वर्ष ५११५

युवतियो, इस अराजकताका सामना करने हेतु स्वसंरक्षण प्रशिक्षण प्राप्त करें !

ऐसे वासनांध धर्मांधोंको फांसीका दंड दिए बिना ऐसी घटनाएं रुकेंगी नहीं !

मुंबई – उत्तर मुंबई स्थित कांदिवली परिसरमें ५ वासनांध धर्मांधोंकी टोलीद्वारा एक १८ वर्षीय युवतीके वस्त्र फाडकर उसका विनयभंग करनेकी घटना सामने आई है । (कहां रातको सोनेके अलंकार पहनकर निर्भयतासे महिलाएं घूम सकती थीं, ऐसी स्थिति रखनेवाला रामराज्य तो कहां आजके नेतृत्वहीन शासनकर्ताओंके कारण उत्पन्न हुई अराजकताकी यह स्थिति ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) इस घटनामें तीनोंको बंदी बनाया गया है तथा अल्पवयीन दो धर्मांध अपराधी फरार हैं । (अल्पआयुके किंतु वासनांधतामें अग्रेसर धर्मांध ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) फैयाज खान (आयु २० वर्ष), नौशाद खान (आयु २४ वर्ष), सरोज खान (आयु २० वर्ष) बंदी बनाए गए अपराधियोंके ऐसे नाम हैं । (वैचारिक सुन्नत हुए शासनकर्ता वासनांध धर्मांधोंके विरुद्ध मतों हेतु कोई भी कार्यवाही न करनेके कारण आज वे ऐसे उद्दंड हो गए हैं । यह स्थिति परिवर्तन करने हेतु ही हिंदु राष्ट्र आवश्यक ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. इन वासनांध धर्मांधोंके चंगुलसे निकलकर वह युवती एक उपाहारगृहमें गई; किंतु वहांके कर्मचारियोंने उसे वहांसे भगा दिया । (एक महिलाद्वारा सहायताकी विनती करनेपर भी उसे भगानेवाले ऐसे नागरिक जिस देशमें होंगे, क्या कभी भी वहांकी महिलाओंकी रक्षा  हो पाएगी ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
२. तत्पश्चात इन वासनांधोंने उसके साथ पुन: छेडखानी करना प्रारंभ किया ।
३. वहांसे भागकर वह एक रिक्शामें जाकर बैठी; किंतु उन चारोंने उसे रिक्शासे खींचकर बाहर निकाला ।
४. यह घटना देखकर उसी समय वहांसे जानेवाले एक व्यक्तिने उन पांचोंमेंसे एकके साथ मारपीट की ।
५. तत्पश्चात उस क्षेत्रके एक हवालदारने आकर उन्हें पकडा । (सामान्य व्यक्तिद्वारा एकको पकडनेके पश्चात आनेवाली पुलिस किस कामकी ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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